तिरुवनंतपुरम, 15 मार्च (भाषा) पूर्व वाम लोकतान्त्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के संयोजक और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता ई पी जयराजन ने शनिवार को सचिवालय के बाहर जारी आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को ‘अनावश्यक’ और राजनीतिक रूप से प्रेरित करार दिया।
आशा कार्यकर्ता मानदेय वृद्धि और सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों की मांग कर रही हैं।
जयराजन ने कहा कि प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ताओं को कुछ लोगों ने गुमराह किया है और उन्हें बेवजह आंदोलन के लिए सचिवालय भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि माकपा प्रदर्शन के खिलाफ नहीं है लेकिन यह आंदोलन राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
पत्रकारों से बातचीत में जयराजन ने आशा कार्यकर्ताओं से काम पर लौटने की अपील की और कहा, “यह सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए है।”
आशा कार्यकर्ता पिछले एक महीने से सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं और सेवानिवृत्ति लाभ व मानदेय वृद्धि की मांग कर रही हैं।
राज्य सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत सत्र 2023-24 में केंद्र सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है जिससे आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान समेत कई केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर असर पड़ा है।
वहीं केंद्र सरकार ने राज्य के दावों को खारिज कर दिया है और तर्क दिया है कि उसने जो बकाया था वह दे दिया है, लेकिन केरल से उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं आया है।
केंद्र सरकार ने कहा कि प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद अपेक्षित राशि आशा कार्यकर्ताओं और राज्य को दे दी जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने संसद में घोषणा की थी कि एनएचएम के मिशन संचालन समूह ने आशा कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन भत्ते को बढ़ाने का फैसला किया है।