अमरावती, 20 मार्च (भाषा) आंध्र प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश ने विशाखापत्तनम में रुशिकोंडा पहाड़ी पर पर्यटन विभाग के छोटे ‘विला’ को कथित तौर पर महल में तब्दील करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की तुलना सद्दाम हुसैन से की।
मंत्री नारा लोकेश ने कहा कि युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) नेता रेड्डी ने ‘सोचा था कि वह 30 साल तक सत्ता में रहेंगे’, जिसके कारण उन्होंने महल का निर्माण कराया और अंततः पर्यटकों को समुद्र तट के सुंदर दृश्य से वंचित कर दिया।
लोकेश ने बुधवार रात ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘रेड्डी को विश्वास था कि वह 30 साल तक सत्ता में रहेंगे और वह आंध्र के सद्दाम हुसैन हैं, इसलिए उन्होंने इसे एक विशाल महल में तब्दील कर दिया। उन्होंने तीन भव्य इमारतें बनवाईं -एक अपने लिए और दो अपनी बेटियों के लिए – साथ ही अपनी पत्नी के लिए एक विशेष कैंप ऑफिस भी बनवाया।’’
इराक के पूर्व तानाशाह, भव्य महल बनवाने और आलीशान जीवनशैली के लिए जाने जाते थे।
लोकेश ने यह टिप्पणी विजयवाड़ा के पास एक ऑटोमोबाइल विनिर्माण संयंत्र के उद्घाटन के मौके पर की।
लोकेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि रेड्डी द्वारा कराये गए निर्माण में बड़े हॉल, विशाल कमरे, महंगे इतालवी संगमरमर और आलीशान फिटिंग शामिल हैं, जो सभी सार्वजनिक धन से वित्त पोषित हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इसके अलावा, उनके (रेड्डी) 1,000 सुरक्षाकर्मियों के लिए एक विशाल घर बनाया गया था, क्योंकि जगन हमेशा डर में रहते थे।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एपीटीडीसी) ने उक्त महल पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसके निर्माण के लिए एक खूबसूरत पहाड़ी को नुकसान पहुंचाने के लिए 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने के साथ कुल लागत 700 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सब सिर्फ चार लोगों के लिए है, जबकि उनकी (जगन की) मां और बहन को परिवार से बाहर रखा गया है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास भी इतना भव्य आवास नहीं है।’’