एयर इंडिया का दिल्ली हवाई अड्डे पर लंबी दूरी की उड़ानों के लिए ‘लैंडिंग’ शुल्क में कमी का सुझाव

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नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) एयर इंडिया ने दिल्ली हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय (आई2आई) यातायात बढ़ाने और लंबी दूरी तथा अत्यधिक लंबी दूरी की उड़ानों को उतारने (लैंडिंग) के शुल्क में प्रोत्साहन की मांग की है।

टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन कंपनी ने हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (एईआरए) को 2024-29 नियंत्रण अवधि के लिए दिल्ली हवाई अड्डे पर शुल्क प्रस्तावों को लेकर ये सुझाव दिए हैं।

एयरलाइन बढ़ती हवाई यातायात की मांग को पूरा करने के लिए धीरे-धीरे अपने बड़े आकार के विमानों के परिचालन के साथ नेटवर्क का विस्तार कर रही है।

एयरलाइन के सुझावों के बारे में पूछे जाने पर एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक कैम्पबेल विल्सन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि बाजार की आर्थिक संरचना भारत को विमानन केंद्र बनाने के प्रयासों का समर्थन करनी चाहिए।

राष्ट्रीय राजधानी में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की परिचालनक डायल ने इकनॉमी और बिजनेस श्रेणी के यात्रियों के साथ-साथ व्यस्त और गैर-व्यस्त घंटों के लिए अलग-अलग उपयोगकर्ता शुल्क का प्रस्ताव दिया है।

एयर इंडिया के अनुसार, परिवर्तनीय शुल्क प्रस्ताव में दिल्ली हवाई अड्डे पर आई2आई (अंतरराष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय) यातायात बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन शामिल होना चाहिए, जिसे नियामक द्वारा पेश किया जा सकता है।

अन्य सुझावों में एयर इंडिया ने कहा है कि एईआरए को लंबी दूरी और अत्यधिक लंबी दूरी की उड़ानों के लिए लैंडिंग शुल्क में प्रति मीट्रिक टन के आधार पर कम-से-कम 30 प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए।

आमतौर पर, लंबी दूरी की उड़ानों की अवधि नौ घंटे से अधिक होती है, जबकि अत्यधिक लंबी दूरी की उड़ानें 16 घंटे या उससे अधिक अवधि की होती हैं। एयर इंडिया उत्तरी अमेरिका के लिए अत्यधिक लंबी दूरी की उड़ानों का परिचालन करती है।

एयर इंडिया में शासन, नियमन और अनुपालन (जीआरसी) तथा कॉरपोरेट मामलों के समूह प्रमुख पी बालाजी के हस्ताक्षर वाले इन सुझावों में कहा गया है कि एईआरए को घरेलू उड़ानों में बड़े आकार के विमानों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए लैंडिंग शुल्क में छूट और यूडीएफ शुल्क में 20 प्रतिशत की कमी करने पर विचार करना चाहिए।’’

एयर इंडिया ने कहा कि दिल्ली और मुंबई आई2आई और डी2आई (घरेलू से अंतरराष्ट्रीय) दोनों के लिए महत्वपूर्ण केंद्र होंगे।

एयर इंडिया ने कहा कि आईजीआईए पर शुल्क को लेकर मौजूदा विचार-विमर्श और शुल्क दरों का निर्धारण विमानन केंद्र बनने के लक्ष्य को प्रभावित करेगा।

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