नागपुर, दो मार्च (भाषा) कप्तान अक्षय वाडकर ने रविवार को यहां अपनी टीम को तीसरा खिताब दिलाने के बाद कहा कि पिछले साल रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई से हार इतनी कड़वी रही कि विदर्भ ने अगले सत्र के लिए मानसून से ही अभ्यास शुरू कर दिया था।
विदर्भ ने यहां केरल पर पहली पारी में निर्णायक 37 रन की बढ़त हासिल कर ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया।
वाडकर ने मैच के बाद पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘पिछले साल हम फाइनल हार गये थे। इसलिए हमने मानसून के दौरान ही तैयारी शुरू कर दी थी। हर खिलाड़ी ने अपने खेल में सुधार के लिए मेहनत की। इस सत्र में शीर्ष दस रन बनाने वालों में विदर्भ के चार बल्लेबाज शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हर्ष दुबे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। यश (राठौड़) सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी है और दानिश (मालेवार) के पास अपनी बल्लेबाजी से मैच का रुख पलटने की क्षमता है।’’
वाडकर ने कहा, ‘‘ एक कप्तान के रूप में रणजी ट्रॉफी खिताब जीतने का सपना होता है। हर प्रथम श्रेणी क्रिकेटर का यह सपना होता है और हमने उसे पूरा किया है। हमने खेल के सभी पहलुओं पर ध्यान दिया।’’
बाएं हाथ के स्पिनर हर्ष दुबे ने सत्र के दौरान काफी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने 16.98 की औसत से रिकॉर्ड 69 विकेट हासिल किए। वह टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गये।
दुबे ने कहा, ‘‘यह सपना सच होने जैसा क्षण है। हम पिछले साल फाइनल हार गए थे। अक्षय (वखरे) भाई संन्यास लेने वाले हैं, इसलिए उनके लिए यह बहुत बड़ी बात है। सत्र शुरू होने से पहले मैंने अपनी फिटनेस और कौशल पर काम किया। यह उसी का परिणाम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं सही क्षेत्रों में गेंदबाजी करने की कोशिश करता हूं। मैं खुद को गेंदबाजी ऑलराउंडर नहीं कहूंगा, बल्कि मैं एक बल्लेबाजी ऑलराउंडर हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे बल्लेबाजी करना पसंद है और मेरा अंतिम लक्ष्य भारत के लिए खेलना है ।’’
‘प्लेयर ऑफ द मैच’ मालेवार फाइनल में शतकीय पारी खेल कर खुश है। उन्होंने इस मैच में 153 और 73 रन की पारी खेली।
मालेवार ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए बहुत अच्छा सत्र था। मुझे बहुत सारा अनुभव और सीखने को मिला। मैं टीम के लिए योगदान देने में सक्षम था। मै शुरुआती मैचों में 50-60 रन पर आउट हो जा रहा था लेकिन फाइनल में शतक बनाकर मैच पर प्रभाव डालने की संतुष्टि है।’’