नवरत्न बनने के बाद रेल क्षेत्र की अन्य कंपनियों को भी दे सकेंगे वित्तः आईआरएफसी

sY7VoKyK-indian-railways-finance-corporation-1200x675

नयी दिल्ली, पांच मार्च (भाषा) हाल ही में ‘नवरत्न’ का दर्जा पाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) ने बुधवार को कहा कि वह भारतीय रेलवे की जरूरतें पूरी करने की मौजूदा वित्तपोषण गतिविधियों से आगे बढ़कर समूची रेल पारिस्थितिकी में सक्रिय दूसरी कंपनियों को भी वित्तपोषित कर सकती है।

आईआरएफसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) मनोज कुमार दुबे ने नवरत्न का दर्जा मिलने के बाद संवाददाताओं के साथ चर्चा में कहा कि भारतीय रेलवे को वित्त मुहैया कराने वाली कंपनी के लिए अब रेल लॉजिस्टिक परिवेश में शामिल अन्य सभी कंपनियों और गतिविधियों के भी वित्तपोषण की व्यापक गुंजाइश बन गई है।

सरकार ने तीन मार्च, 2025 को रेलवे की ही एक अन्य कंपनी आईआरसीटीसी के साथ आईआरएफसी को नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम के रूप में मंजूरी दी थी।

दुबे ने कहा कि रेलवे से जुड़ी परियोजनाओं के लिए बोली लगाने के मामले में आईआरएफसी के पास अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बढ़त होगी क्योंकि आईआरएफसी बहुत कम खर्च करती है, सस्ते ऋण तक उसकी पहुंच है और उसे 40 पैसे से अधिक मार्जिन की ही चाहत है।

उन्होंने बताया कि फर्म ने आज तक भारतीय रेलवे को पांच लाख करोड़ रुपये का वित्त मुहैया कराया है। हालांकि, रेलवे ने पिछले दो वर्षों में इससे कोई ऋण नहीं लिया है।

उन्होंने कंपनी की कोई गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) न होने का जिक्र करते हुए कहा कि यह स्थिति आईआरएफसी को अन्य सरकारी वित्तीय संस्थानों आरईसी और पीएफसी के मुकाबले सबसे सुरक्षित बनाती है।