नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि रसायन क्षेत्र की एक जर्मन कंपनी ने भारत में 1.5 अरब डॉलर का निवेश करने का फैसला किया है और एक राज्य ने इस परियोजना के लिए जमीन भी चिह्नित कर ली है।
हालांकि गोयल ने इस कंपनी या उसे बुलाने के इच्छुक राज्य का नाम नहीं बताया लेकिन उन्होंने कहा कि इस कंपनी के प्रमुख रविवार को उस राज्य के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं।
गोयल ने यहां ‘यूनियन इंटरनेशनेल डेस एवोकेट्स’ (यूआईए) के एक सत्र में कहा कि कंपनी को “भूमि का आवंटन मिल जाएगा और अगले 12 महीनों में देश में 1.5 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आएगा”।
यह कंपनी एक बंदरगाह के पास लगभग 250 एकड़ जमीन की तलाश कर रही है।
जर्मनी भारत में नौवां सबसे बड़ा निवेशक देश है। अप्रैल 2000 से दिसंबर 2024 के दौरान देश को लगभग 15 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है।
गोयल ने कहा कि अधिक से अधिक कंपनियां भारत में व्यापार के अवसरों का पता लगाने के लिए आना चाह रही हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुपालन बोझ को कम करके और छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के लिए कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि इन उपायों से निवेशकों में नया विश्वास पैदा हो रहा है।
कारोबार संबंधी विवादों के समाधान के लिए मध्यस्थता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर दोनों पक्ष मध्यस्थता के परिणामों को स्वीकार करने में ईमानदार हैं तो यह तंत्र न्यायिक देरी को कम कर सकता है।
उन्होंने कहा कि मध्यस्थता को अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है ताकि यह सभी हितधारकों में विश्वास पैदा कर सके। उन्होंने कहा, “हमारे कामकाज में मध्यस्थता और बीच-बचाव को अधिक लोकप्रिय बनाने पर भी विचार करने की जरूरत है।”