ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मीन ने युवा लोक कलाकारों को अरुणाचल की समृद्ध विरासत का संरक्षक बताते हुए कहा कि ‘भारत लोक संगीत- अरुणाचल उत्सव 2025’ केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह भारत की एकता और विविधता का प्रतिबिंब है।
मीन ने रविवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश, भारत के विभिन्न राज्यों और भूटान एवं थाईलैंड के अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों द्वारा लोक परंपराओं के प्रदर्शन के साथ यह उत्सव वैश्विक सांस्कृतिक कूटनीति में अरुणाचल प्रदेश की भूमिका को मजबूती देता है तथा यहां के लोगों की कलात्मक प्रतिभा को उजागर करता है।
उन्होंने लोक संगीत और नृत्य के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि ये जीवंत परंपराएं पीढ़ियों और समुदायों को जोड़ती हैं।
उपमुख्यमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रही पहचान पर प्रकाश डाला।
मीन ने बताया कि राज्य के सांस्कृतिक कलाकारों की मंडलियां जल्द सिंगापुर में ‘नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल’ में भाग लेंगी। यह उत्सव वैश्विक मंचों पर अरुणाचल की लोक परंपराओं की बढ़ती मान्यता का प्रमाण है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे अवसर प्रदान करके, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी रहे और साथ ही अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक परिदृश्यों से भी रूबरू हो।’’
उन्होंने युवा कलाकारों को समर्थन देने के महत्व पर जोर दिया और उन्हें अरुणाचल की समृद्ध विरासत का संरक्षक बताया।