कांग्रेस का प्रधानमंत्री से सवाल: क्या हिमंत विश्व शर्मा के ‘‘भ्रष्टाचार’’ को लेकर कार्रवाई करेंगे

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नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) कांग्रेस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा पर भ्रष्टाचार के जरिये अपना साम्राज्य खड़ा करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्य के दौरे पर यह बताना चाहिए कि क्या वह शर्मा के खिलाफ मामलों को लेकर कार्रवाई करेंगे।

पार्टी महासचिव और असम प्रभारी जितेंद्र सिंह ने प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह दावा भी किया कि असम के मुख्यमंत्री अब एक ‘बिजनेस टायकून’ (बड़े कारोबारी) बन चुके हैं।

इस संवाददाता सम्मेलन में लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया, सांसद रकीबुल हुसैन और कांग्रेस के सह-प्रभारी मनोज चौहान उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को असम में झुमोर बिनंदिनी में भाग लेंगे, जो एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है, जिसमें 8,000 कलाकार झुमोर नृत्य में भाग लेंगे।

जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम जा रहे हैं, लेकिन क्या वो जानते हैं कि उनके चहेते मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा असम के अंदर क्या कर रहे हैं। असम में जारी भ्रष्टाचार पर क्या नरेंद्र मोदी कार्रवाई करेंगे।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘असम में चाय बागान के मालिकों को डराया-धमकाया जा रहा है, मुख्यमंत्री के सहयोगी, उनके परिजन चाय बागान खरीद रहे हैं, चाय बागान चलाने वाली बड़ी कंपनियों के मालिक असम से चले गए और हिमंत विश्व शर्मा चाय बागानों को खत्म कर व्यापार करना चाहते हैं।’’

सिंह ने आरोप लगाया कि हिमंत विश्व शर्मा की पत्नी ‘एलिफेंट कॉरिडोर’ में ‘वाणी ग्रीन रिजॉर्ट’ चला रही हैं।

सिंह ने सवाल किया, ‘‘क्या उन्होंने वहां पर रिजॉर्ट चलाने की अनुमति ली है? क्या प्रधानमंत्री जी आपकी इसमें सहमति है?’’

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने असम के मुख्यमंत्री को ऐसा कौन सा जादू का चिराग पकड़ा दिया, जो वह ‘बिजनेस टायकून’ (बड़े कारोबारी) बन गए।

सिंह ने सवाल किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एजेंसियां जांच कर रही हैं?’’

गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘सर्वानंद सोनोवाल को हटाकर हिमंत विश्व शर्मा खुद मुख्यमंत्री बन गए, क्या अब उनके साथ भी यही होने वाला है? शायद प्रधानमंत्री के मन में उनकी ईमानदारी और नेतृत्व को लेकर सवाल है। हिमंत विश्व शर्मा अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी हद तक जा सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से झारखंड के लोगों ने हिमंत विश्व शर्मा को नकारा, उसी तरह 12 महीने बाद असम की जनता भी वही करने वाली है।

भूपेन बोरा ने कहा कि कई वर्गों को आदिवासी श्रेणी में शामिल करने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें धोखा दिया गया है।

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