नयी दिल्ली, द्रमुक सांसद दयानिधि मारन ने सोमवार को केंद्रीय बजट को भेदभावपूर्ण तथा देश के आम लोगों के साथ अन्याय करार दिया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक कथित पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा कि क्या वह अब इस्तीफा देंगी।
मारन ने लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि बजट में मध्य वर्ग के एक छोटे हिस्से को आयकर की राहत दी गई, लेकिन देश की बड़ी आबादी को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह बजट भेदभावपूर्ण और भारत के लोगों के साथ अन्याय करने वाला है।
द्रमुक नेता ने कहा, ‘‘भारत की आर्थिक विकास दर सुस्त पड़ती जा रही है और इसको लेकर बजट में कुछ नहीं किया गया है।’’
मारन ने दावा किया कि डॉलर के मुकाबले रुपये में ऐतिहासिक गिरावट आई है तथा भारतीय बाजार से विदेशी निवेशक पैसे निकाल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने भाजपा की प्रवक्ता रहते हुए रुपये में गिरावट के बाद कहा था कि उस वक्त की संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार को इस्तीफा देना चाहिए।’’
द्रमुक सांसद ने कटाक्ष करते हुए सवाल किया, ‘‘क्या अब आप इस्तीफा देंगी?’’
उन्होंने कहा कि सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि 12 लाख रुपये तक की आय को कर से मुक्त किए जाने का कदम शहरी क्षेत्रों में मध्य वर्ग के छोटे हिस्से को आकर्षित करने तथा दिल्ली विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उठाया गया था।
मारन ने कहा कि देश के लोगों को इस बजट में नजरअंदाज किया गया है।
उन्होंने रोजगार सृजन को आज की जरूरत बताते हुए आरोप लगाया बजट में इसे लेकर कोई उपाय नहीं किया गया है।
द्रमुक सांसद ने दावा किया कि केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु को दरकिनार करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यह प्रदेश विकास के पथ पर चलता रहेगा।