दिल्ली की सड़कों पर फिर से दौड़ती नजर आएंगी ‘विंटेज’ कारें

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नयी दिल्ली,  अगले हफ्ते राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली 11वीं विंटेज कार रैली में राजा-महाराजा के दौर की आलीशान कारें एक बार फिर सड़कों पर रफ्तार भरती हुई नजर आएंगी।

विंटेज कार रैली ’21 गन सैल्यूट कॉन्कोर्स डी एलिगेंस’ के 11वें संस्करण के दौरान दुर्लभ 1932 की लैंसिया एस्टुरा पिनिनफेरिना सीरीज 2 कैब्रियोलेट कार समेत 100 से अधिक विंटेज कारें सड़कों की शोभा बढ़ाएंगी।

राजधानी के इंडिया गेट से शुरू होकर गुरुग्राम के एम्बियंस ग्रीन्स पर यह विंटेज कार रैली खत्म होगी। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इसे हरी झंडी दिखाएंगे। इसका आयोजन 21 से 23 फरवरी तक होगा।

इस दौरान कार प्रेमी बड़ौदा की महारानी शांता देवी के लिए खास तौर पर बनाई गई 1948 की कैसीनो मखमली लाल कार को भी देख सकेंगे।

इस रैली में 125 दुर्लभ कारें और 50 हेरिटेज मोटरसाइकिलें शामिल होंगी। जिनमें से प्रत्येक विंटेज कार अपनी आकर्षक कहानी बयां करेगी और बीते युग की कलात्मकता और शिल्प कौशल को उजागर करेगी।

विंटेज एवं क्लासिक कारों के संग्रहकर्ता और विंटेज कार रैली के आयोजक मदन मोहन ने कहा कि इस रैली में शामिल होने के लिए देश भर से पुरानी कारें आ रही हैं। बहुत से उद्योगपति भी इसमें अपनी कारों का प्रदर्शन करेंगे। कुछ दुर्लभ कारें मुंबई और पुणे से भी आ रही हैं।

21 गन सेल्यूट हेरिटेज एंड कल्चरल ट्रस्ट के संस्थापक ने कहा कि परिवहन लागत बहुत बढ़ जाने से इस बार विदेशी प्रतिभागी इस रैली में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय घटनाओं और कुछ हिस्सों में लड़ाई चलने की वजह से दूसरे देशों से विंटेज कारों के परिवहन की लागत चार गुना तक बढ़ गई है। यह पहला मौका है जब इस विंटेज कार रैली में अंतरराष्ट्रीय भागीदारी नहीं होगी।”

वर्ष 1920 से 1949 के बीच निर्मित कारें ‘विंटेज कारें’ कही जाती हैं जबकि 1950 से 1965 के बीच निर्मित कारें ‘क्लासिक कारों’ की श्रेणी में रखी जाती हैं।

रैली के समापन पर तीन सर्वश्रेष्ठ कारों को पुरस्कार भी दिया जाएगा।

 

 

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