नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह का कहना है कि किसी लेखक का पहला उपन्यास उसके आंतरिक जीवन को प्रतिबिंबित करता है, और “द टेंपल ऑफ शिव” का नायक “एक प्रकार से दूसरा व्यक्तित्व है”।
सिंह ने एक कार्यक्रम में अपनी पुस्तक “द टेंपल ऑफ शिव” के बारे में यह टिप्पणी की।
इस अवसर पर एक पत्रकार के साथ उनकी बातचीत में साहित्य, दर्शन और कहानी कहने की कला बारे में गहन जानकारी सामने आयी।
एक बयान के अनुसार, पार्चमेंट प्रकाशन द्वारा प्रकाशित “द टेंपल ऑफ शिव” में इतिहास, पौराणिक कथाओं और भक्ति का जटिल मिश्रण है, जो आस्था और आत्म-खोज के इर्द-गिर्द एक समृद्ध आख्यान की रचना करता है।
चर्चा के दौरान, सिंह ने अपने नायक अशोक के बारे में एक दिलचस्प अंतर्दृष्टि साझा की, तथा उसे एक दूसरे व्यक्तित्व के रूप में वर्णित किया – यदि वह अपनी वर्तमान परिस्थितियों में पैदा नहीं हुआ होता तो वह क्या होता।
उन्होंने कहा, “आपका पहला उपन्यास हमेशा लेखक के आंतरिक जीवन को दर्शाता है।”
पार्चमेंट प्रकाशन ने कुंजुम बुकस्टोर में चर्चा की मेजबानी की।
पार्चमेंट प्रकाशन की संस्थापक शुभी आर्य ने कहा, “ ‘द टेंपल ऑफ शिव’ का प्रकाशन सौभाग्य और सम्मान बात है। डॉ. कर्ण सिंह की बुद्धिमत्ता, गहराई और कहानी कहने की कला युवा पीढ़ी तक पहुंचनी चाहिए ताकि उन्हें भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का पता लगाने की प्रेरणा मिले।”