महाकुंभ: ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ‘ज्ञानकुंभ’ में अध्‍यात्‍म, संस्कृति का संगम

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महाकुंभ नगर (उप्र), प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ-2025 में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ‘ज्ञानकुंभ’ में अध्‍यात्‍म, प्रकृति और संस्कृति के संगम को अनुभव किया जा सकता है।

महाकुंभ नगर के सेक्टर सात में 10 जनवरी से शुरू हुए इस विशेष शिविर को ‘‘ब्रह्माकुमारीज स्वर्णिम भारत ज्ञानकुंभ’’ नाम दिया गया है।

यहां व्यवस्था से जुड़े लोग बताते हैं कि ‘‘मौनी अमावस्या (29 जनवरी) के दिन हुए दुखद हादसे की पीड़ा से एक-दो दिन जरूर इस शिविर में सन्नाटा रहा मगर अब आगंतुकों की आमद ने फिर से लय पकड़ ली है।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मीडिया संभाग के प्रमुख बीके कोमल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि ‘स्वर्णिम भारत ज्ञानकुंभ’ कई मायनों में अनोखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ यहां चार युगों के दर्शन के साथ सनातन संस्कृति से राम राज्य की परिकल्पना वाले स्वर्णिम भारत की झलक मन को मोह लेती है। 200 चलचित्रों वाला मॉडल नए भारत का रूप प्रदर्शित करता है।’’

‘ज्ञानकुंभ’ में स्वर्णिम भारत के आठ स्तंभ स्थापित किए गए हैं और आठों स्तंभों में सूत्र लिखे गये हैं। शुरुआत व्यसन मुक्त समाज से की गयी और हर स्‍तंभ पर एक मंत्र दिया गया है। भाईचारा और एकता, प्रकृति की देखभाल, आहार की शुद्धता, नैतिक नेतृत्व व चरित्र निर्माण, समृद्ध शिक्षा और सुशासन यह आठ सूत्र लोगों को जीवन की राह दिखाते हैं।

ज्ञानकुंभ में ”भारत मां” की प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से आये श्रद्धालु किशन कुमार (45) ने कहा कि शिविर में कलयुग से स्‍वर्णिम युग की ओर ले जाने का दृश्य मन को शक्ति देता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम दो दिनों से मेला क्षेत्र में घूम रहे हैं और अब तक इस तरह का ज्ञानवर्धक कार्यक्रम कहीं नहीं देखा।”

बीके कोमल ने बताया कि प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय एक आध्यात्मिक संस्था है और विश्व के करीब 140 देशों में इसकी नौ हजार से अधिक शाखाएं हैं।

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