बेंगलुरु, 18 फरवरी (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एकमुश्त निपटान के रूप में संपत्तियों को बी-खाता जारी करके कर्नाटक में अवैध आवासीय ‘लेआउट’ को समाप्त करें।
सिद्धरमैया ने उन्हें तीन महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी करने का भी निर्देश दिया।
नगर निगम के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कर्नाटक के आवासीय क्षेत्रों में, लोगों को बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) या शहरी विकास प्राधिकरण जैसे सक्षम अधिकारियों द्वारा अनुमोदित ‘लेआउट’ के लिए ए-खाता मिलता है। बिना मंजूरी के ‘लेआउट’ वाली संपत्तियों को बी-खाता मिलता है क्योंकि वे अवैध होती हैं।
अधिकारी ने बताया कि इस कदम से राज्य भर के लाखों संपत्ति मालिकों को राहत मिलेगी और सरकार को भारी राजस्व प्राप्त होगा।
शहरी विकास विभाग के अधिकारियों और जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध ‘लेआउट’ की समस्या हमेशा के लिए खत्म होनी चाहिए।
सिद्धरमैया के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘हम बी-खाता देकर इस (अवैध लेआउट की समस्या) को हमेशा के लिए खत्म कर देंगे। यह केवल एक बार का उपाय है। आपको (अधिकारियों को) केवल तीन महीने का समय दिया गया है। अभियान चलाएं और इस समय सीमा के भीतर इसे पूरा करें।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी शहरों, कस्बों, नगरपालिका क्षेत्रों और गांवों में मौजूद अनधिकृत बस्तियों को खत्म करेगी।