चंडीगढ़, 18 फरवरी (भाषा) हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि राज्य में फसल विविधीकरण की दिशा में कदम उठाते हुए मधुमक्खी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य में पहले ही मधुमक्खी पालन नीति बनाई जा चुकी है।
हरियाणा सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक राज्य में 15,500 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन करना है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राज्य सरकार की मधुमक्खी पालन नीति-2021 के तहत 10 वर्षीय कार्य योजना तैयार की गई है जिसका उद्देश्य शुद्ध शहद उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करना है।
राणा ने बताया कि इस योजना के तहत वर्तमान 4,500 मीट्रिक टन शहद उत्पादन को वर्ष 2030 तक 15,500 मीट्रिक टन तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में मधुमक्खी पालन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसमें शहद उत्पादन, पराग संग्रहण और गुणवत्ता मूल्यांकन जैसी प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके तहत मधुमक्खी पालकों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं।
मंत्री ने बताया कि कुरुक्षेत्र जिले के रामनगर में एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र स्थापित किया गया है। इस केंद्र पर मधुमक्खी पालकों को प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें।
उन्होंने कहा कि इस केंद्र से सामान खरीदने पर मधुमक्खी पालकों को विशेष रियायतें दी जा रही हैं। मधुमक्खी पालन के लिए बॉक्स खरीदने पर 85 प्रतिशत और उपकरण खरीदने पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
वर्ष 2019-20 से 2023-24 के दौरान मधुमक्खी पालकों को कुल 56,610 बॉक्स उपलब्ध कराए गए हैं।
मंत्री ने दोहराया कि हरियाणा सरकार किसान हितैषी है और किसानों के लाभ के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चला रही है।