शिकॉगो, मलेशिया में जोरदार तेजी के बीच तेल-तिलहन कीमतों में सुधार
Focus News 19 February 2025 0
नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज में जोरदार तेजी के बीच बुधवार को घरेलू तेल-तिलहन बाजार में सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार दर्ज हुआ। इस सुधार के बावजूद सोयाबीन, मूंगफली और सूरजमुखी अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर ही बिक रहे हैं।
मलेशिया एक्सचेंज में 3.75 प्रतिशत की तेजी है। जबकि शिकॉगो एक्सचेंज रात 1.5 प्रतिशत मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल भी यहां लगभग 1.5 प्रतिशत की तेजी है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के दाम मजबूत हुए हैं जिसका असर स्थानीय तेल-तिलहनों पर भी दिखा। लेकिन इस तेजी के बावजूद भी सोयाबीन अपने एमएसपी से लगभग 15 प्रतिशत, मूंगफली और सूरजमुखी अपने-अपने एमएसपी से 20-22 प्रतिशत नीचे हाजिर दाम पर ही बिक रहा है।
सूत्रों ने कहा कि मलेशिया में खाद्य तेल के दाम 3.75 प्रतिशत बढ़े हैं जो सट्टेबाजी के कारण ही संभव हो सकता है। सोयाबीन तेल से पामोलीन तेल का दाम 4-5 रुपये किलो ऊंचा है तथा राजस्थान में मूंगफली के मुकाबले पामोलीन 7-8 रुपये किलो अधिक है। इतने महंगे तेल के आखिर कौन लिवाल होंगे? इस तेल के आयात में हुई कमी को किस तेल से पूरा किया जायेगा? यही स्थिति विदेशों पर निर्भरता का खतरा बढ़ाती है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी तेल-तिलहनों पर विशेष ध्यान रखना होगा। भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 55 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। मौजूदा समय में देश में सूरजमुखी और पामोलीन महंगा होने की वजह से आयात कम हो रहा है। ऐसी स्थिति में आखिर कौन लोग या आयातक हैं और कौन सी ऐसी मजबूरी है कि देश में खाद्य तेल की कमी होने के बावजूद आयातकों को सोयाबीन डीगम तेल को, आयात लागत से भी कम दाम पर (4-5 प्रतिशत) बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। इन सब सवालों को हल किये बगैर तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ना मुश्किल ही है।
उन्होंने कहा कि आज कपास नरमा के दाम में अलग-अलग स्थानों पर 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। कपास की लगभग 70 प्रतिशत की आवक हो चुकी है। जो बचा है वह मजबूत किसानों के पास ही है जो रोक-रोक कर अपना माल ला रहे हैं। नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग को आज बिनौला ही पूरा कर पा रहा है क्योंकि पामोलीन और सूरजमुखी के दाम उनकी पहुंच से बाहर हो गये हैं।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 6,150-6,250 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 5,525-5,850 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,250 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,175-2,475 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,320-2,420 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,320-2,445 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,150 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,050 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,800 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,700 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,175-4,225 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 3,875-3,975 रुपये प्रति क्विंटल।