नयी दिल्ली, जमीन, मकान के विकास से जुड़ी कंपनियों तथा विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो दर में कटौती से आवास मांग बढ़ेगी और इससे कंपनियां नई परियोजनाएं लाने को प्रोत्साहित होंगी जिससे निवेशकों के लिए नए अवसर उत्पन्न होंगे।
हालांकि उनका यह भी कहना है कि मौजूदा कटौती का प्रत्यक्ष प्रभाव सीमित हो सकता है। अगली एमपीसी बैठक में प्रमुख ब्याज दर में और कटौती से समग्र मांग को और अधिक बल मिलेगा, जिससे आवास बिक्री में तेजी आएगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया। केंद्रीय बैंक ने लगभग पांच साल बाद रेपो दर में कटौती की है।
रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा, ‘‘ इस कटौती का पूरे क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे आवास ऋण अधिक किफायती होगा और मकान की मांग बढ़ेगी। कम ब्याज दर से हम मकानों की बिक्री में वृद्धि और बिना बिके मकानों की संख्या कम होने की उम्मीद कर रहे हैं। इसके साथ ही मांग बढ़ने से डेवलपर नई परियोजनाएं लाने को प्रोत्साहित होंगे जिससे निवेशकों के लिए नए अवसर उत्पन्न होंगे।’’
उन्होंने कहा कि इस कदम का किफायती आवास खंड पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जो सरकार का प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। कम ब्याज दरों के साथ, अधिक घर खरीदार मकान खरीदने में रूचि दिखायेंगे जो किफायती आवास परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
क्रेडाई (कॉन्फेडरेशन आफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा, ‘‘ आरबीआई का रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के साथ इसे 6.25 प्रतिशत करने का निर्णय, बजट में हाल ही में की गई घोषणाओं के अनुरूप है जिसका उद्देश्य व्यय और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना है। ’’
उन्होंने कहा कि हाल ही में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.50 प्रतिशत की कटौती के जरिये अर्थव्यवस्था में नकदी डाले जाने के बाद, यह ‘आवश्यक’ था।
ईरानी ने कहा, ‘‘हालांकि मौजूदा कटौती का प्रत्यक्ष प्रभाव सीमित हो सकता है, लेकिन हमारा अनुमान है कि अगली एमपीसी बैठक में ब्याज दर में और कटौती से कुल मांग को और अधिक बल मिलेगा, जिससे खासकर मध्यम आय और किफायती खंडों में आवास बिक्री में तेजी आएगी, ’’
सीबीआरई के चेयरमैन एवं सीईओ अंशुमान मैगजीन (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) ने कहा, ‘‘ आरबीआई के कटौती करने के निर्णय से अधिक नकदी प्रवाह होगा और विकास को और बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कर्ज लेने वालों को राहत मिलेगी। यह बहुप्रतीक्षित कदम आवास क्षेत्र में मांग को बढ़ावा देगा। यह डेवलपर्स को नई परियोजनाएं शुरू करने का अवसर भी प्रदान करता है, क्योंकि यह निर्णय निर्माण लागत पर लागत दबाव से भी राहत प्रदान करेगा। कुल मिलाकर, दर में कटौती खरीदारों के साथ-साथ डेवलपर दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी।’’
कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एवं अनुसंधान प्रमुख विमल नादर कहा, ‘‘ … नई व्यवस्था के तहत कर राहत से संबंधित हाल ही में बजटीय घोषणाओं के साथ-साथ रेपो दर में कटौती से शहरी विकास को बढ़ावा मिलने और घरेलू खपत में वृद्धि होने की संभावना है। अधिक खर्च योग्य आय और वित्तपोषण लागत में कमी से मकान खरीदने वालों और डेवलपर दोनों को लाभ होगा। ’’
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लि. के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘‘ रेपो दर में कटौती देश की आर्थिक गति को बनाए रखने के उद्देश्य से एक प्रगतिशील बदलाव का संकेत है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, ऐसे में यह कदम नकदी बढ़ाएगा, निवेश को प्रोत्साहित करेगा और प्रमुख क्षेत्रों में मांग को बढ़ावा देगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ रियल एस्टेट क्षेत्र को लंबे समय बाद हुई इस कटौती से बढ़ावा मिलेगा। उधारी लागत घटने से मकान खरीदना ज्यादा किफायती होगा, जिससे खासकर मध्यम आय वर्ग और प्रीमियम आवास खंड में खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा। ’’
प्रतीक ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रतीक तिवारी ने कहा, ‘‘ रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती से आवास ऋण पर ब्याज दरें कम होने की उम्मीद बढ़ी है। इससे आवास मांग बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई के इस फैसले से रियल एस्टेट क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। सस्ते कर्ज के चलते नई बुकिंग में उछाल आने की संभावना है, जिससे बिक्री तेज होगी और कुल मिलाकर क्षेत्र की वृद्धि को नई रफ्तार मिलेगी।’’
अनंत राज लि. के निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमन सरीन ने कहा, ‘‘ यह कदम खपत को प्रोत्साहित करने और क्रय शक्ति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कटौती उधारी दरों को कम करेगी, जिससे उपभोक्ताओं के लिए ऋण लेना अधिक सुलभ और किफायती होगा। यह रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए विशेष तौर पर प्रेरक साबित होगा।’’
क्रिसुमी कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आकाश खुराना ने कहा, ‘‘ केंद्रीय बैंक का रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती का निर्णय निश्चित रूप से एक स्वागत योग्य कदम है, जिससे अर्थव्यवस्था में नगदी बढ़ेगी, ऋण अधिक सुलभ होगा और कुल खपत को बढ़ावा मिलेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘‘ ब्याज दरों में कमी से आवासीय मांग को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र को आवश्यक गति मिलेगी, जिससे अंततः आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा।’’
एसकेए ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा ने कहा कि फरवरी का पहला सप्ताह खास तौर पर रियल एस्टेट के लिए बेहद सकारात्मक संकेत लेकर आया है। यह आम लोगों के साथ रियल एस्टेट क्षेत्र को गति देगा।
इमामी रियल्टी के सीईओ नितेश कुमार ने कहा, ‘‘ यह कटौती आर्थिक वृद्धि को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगी और बाजार धारणा को बढ़ाएगी। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में आवास और वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग को बढ़ावा मिलेगा। हमारा मानना है कि यह कदम एक अधिक मजबूत अर्थव्यवस्था में योगदान देगा।’’
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक एवं सीईओ समीर जसूजा ने कहा, ‘‘ यह फैसला स्वागत योग्य है…इससे आर्थिक गतिविधि बढ़ाने और रियल एस्टेट क्षेत्र में खास तौर पर किफायती और मध्यम आय वाले आवास क्षेत्र में प्रत्यक्ष निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी। उधार लेना सस्ता होने से न केवल नए और पुराने घर खरीदने वालों को मदद मिलेगी, साथ ही डेवलपर को भी फायदा होगा।’’
मिगसन ग्रुप के प्रबंध निदेशक यश मिगलानी ने कहा कि रेपो दर में 0.25 प्रतिशत में कटौती के साथ, आरबीआई ने अनुकूल कर्ज परिवेश सुनिश्चित करते हुए आर्थिक समर्थन का एक मजबूत संदेश दिया है। कर्ज की कम लागत न केवल ऋण को अधिक सुलभ बनाएगी बल्कि खर्च और निवेश को भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे पूरी अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव पैदा होगा।’’
360 रियल्टर्स के निदेशक संजीव अरोड़ा ने कहा, ‘‘लंबे समय बाद रेपो दर में कटौती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम है…यह देश में रिहायशी और वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र को स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ाने में मदद करेगा। रियल एस्टेट क्षेत्र लंबे समय से इस कटौती का इंतजार कर रहा था…।’’