भारत की विकास गाथा में असम की अहम भूमिका होगी: प्रधानमंत्री मोदी
Focus News 25 February 2025 0
गुवाहाटी, 25 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि यह पूर्वोत्तर की ‘‘पवित्र भूमि’’ में नए युग की शुरुआत है और ‘एडवांटेज असम 2.0’ निवेश शिखर सम्मेलन पूरी दुनिया को राज्य की संभावनाओं तथा प्रगति से जोड़ने का एक महान अभियान है। यह असम की करीब छह लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था को रेखांकित करेगा।
प्रधानमंत्री ने यहां ‘एडवांटेज असम 2.0 निवेश एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन’ का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘ इतिहास गवाह है कि भारत की समृद्धि में पूर्वी भारत ने प्रमुख भूमिका निभाई है। आज, विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए ये क्षेत्र अपनी वास्तवित क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, विशेषज्ञ एक बात पर पूरी तरह से सहमत हैं कि भारत तेजी से वृद्धि कर रहा है।’’
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आज का भारत इस सदी के अगले 25 साल के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया को भारत के युवाओं पर बहुत भरोसा है, जो तेजी से कुशल व नवोन्मेषी बन रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने भारत के नए मध्यम वर्ग में बढ़ते आत्मविश्वास पर जोर दिया, जो नई आकांक्षाओं के साथ गरीबी से उबर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत अपनी स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत कर रहा है और विभिन्न वैश्विक क्षेत्रों के साथ मुक्त व्यापार समझौते कर रहा है।’’
मोदी ने कहा कि पूर्वी एशिया के साथ भारत के मजबूत संपर्क और हाल ही में शुरू किए गए भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे से नए अवसर खुल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ देश के विकास में असम का योगदान बढ़ रहा है और अब इसकी अर्थव्यवस्था करीब छह लाख करोड़ रुपये की है।’’
मोदी ने कहा कि असम सरकार शिक्षा, कौशल विकास और बेहतर निवेश माहौल को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ 2014 में ब्रह्मपुत्र पर केवल तीन पुल थे, जिनका निर्माण 70 साल में हुआ था। पिछले 10 साल में चार नए पुल बनाए गए हैं और उनमें से एक का नाम भारत रत्न भूपेन हजारिका के नाम पर रखा गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ 2009 से 2014 के बीच असम को औसतन 2,100 करोड़ रुपये का रेल बजट मिला। हालांकि, मौजूदा सरकार ने असम के रेल बजट को चार गुना से अधिक बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया है।’’
मोदी ने कहा कि राज्य में 60 से अधिक रेलवे स्टेशन को अद्यतन किया जा रहा है और पूर्वोत्तर में पहली अर्द्ध-उच्च-गति ट्रेन गुवाहाटी और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चल रही है।
असम में हवाई संपर्क के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 तक सात मार्गों पर उड़ानें संचालित होती थीं। अब करीब 30 मार्ग पर हवाई सेवाएं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों और स्तरों पर महत्वपूर्ण सुधारों से गुजर रहा है। कारोबार सुगमता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए गए हैं और उद्योग व नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए व्यापक परिवेश तैयार किया जा रहा है।’’
उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि स्टार्टअप, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के जरिये विनिर्माण और नई विनिर्माण कंपनियों तथा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए कर छूट को उत्कृष्ट नीतियां पेश की गई हैं।
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि संस्थागत सुधार, उद्योग, बुनियादी ढांचे व नवाचार का संयोजन भारत की प्रगति का आधार है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ यह प्रगति असम में भी स्पष्ट है, जो ‘डबल इंजन’ की गति से आगे बढ़ रहा है। ’’
उन्होंने बताया कि राज्य ने 150 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम दक्षिण-पूर्व एशिया और भारत के बीच प्रवेश द्वार के रूप में उभर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ इस क्षमता को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने पूर्वोत्तर परिवर्तनकारी औद्योगिकीकरण योजना ‘उन्नति’ शुरू की है।’’
मोदी ने उद्योग भागीदारों से इस योजना और असम की असीमित क्षमता का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम के प्राकृतिक संसाधन और इसकी रणनीतिक स्थिति इसे निवेश के लिए पसंदीदा स्थान बनाते हैं।
उन्होंने असम की चाय को राज्य की क्षमता की मिसाल करार दिया और कहा कि पिछले 200 वर्ष में यह एक वैश्विक ब्रांड बन गया है।
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत औषधि, इलेक्ट्रॉनिक व मोटर वाहन जैसे क्षेत्रों में कम लागत वाले विनिर्माण को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ असम ने हमेशा वैश्विक व्यापार में भूमिका निभाई है और भारत के तटीय प्राकृतिक गैस उत्पादन का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा राज्य से आता है। इसके अतिरिक्त, हाल के वर्षों में असम की रिफाइनरी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।’’
मोदी ने कहा कि असम इलेक्ट्रॉनिक, सेमीकंडक्टर और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में तेजी से उभर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हाल के बजट में केंद्र ने नामरूप-4 संयंत्र को मंजूरी दी है। यह यूरिया उत्पादन संयंत्र पूरे पूर्वोत्तर की मांग को पूरा करेगा और भविष्य में देश के कृषि क्षेत्र में योगदान देगा।’’
मोदी ने पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक व मोबाइल विनिर्माण में भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला और सेमीकंडक्टर उत्पादन में इस सफलता को दोहराने की इच्छा व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘ असम भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। जागीरोड में टाटा सेमीकंडक्टर ‘असेंबली’ व परीक्षण सुविधा का हाल ही में उद्घाटन पूर्वोत्तर में प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देगा।’’
प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में नवाचार के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के साथ सहयोग और देश में सेमीकंडक्टर अनुसंधान केंद्र पर जारी कार्यों का भी उल्लेख किया।
मोदी ने कहा कि इस दशक के अंत तक इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र का मूल्य 500 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
उन्होंने साथ ही बातया कि देश ने 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा है और ‘‘ सरकार 2030 तक 50 लाख टन का वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन हासिल करने के मिशन पर काम कर रही है।’’