प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को मणिपुर हिंसा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए: कनिमोई

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चेन्नई,  द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की नेता कनिमोई ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर मणिपुर में ‘‘फासीवादी राजनीति’’ करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

कनिमोई ने आरोप लगाया कि मणिपुर में जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोगों की जान चली गई और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। उन्होंने सरकारी राहत शिविरों में रह रहे लोगों को अगवा कर उनकी हत्या किए जाने तथा महिलाओं का यौन उत्पीड़न किए जाने का भी आरोप लगाया।

कनिमोई ने एक बयान में आरोप लगाया कि इस तरह के अत्याचार केवल सरकार के ‘‘समर्थन और उदासीनता’’ के कारण हुए तथा भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एवं मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके बीरेन सिंह केवल मूकदर्शक बने रहे।

द्रमुक की नेता एवं लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘…मणिपुर भाजपा की फासीवादी राजनीति का सबूत है; केवल बीरेन सिंह ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी हिंसा पर लगाम लगाने में विफल रहने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मोदी और शाह को उन्हें (बीरेन सिंह को) बचाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि मणिपुर के अगले मुख्यमंत्री के रूप में जो भी पदभार ग्रहण करेगा, उसे राज्य में शांति की वापसी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने संघर्षग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य में सभी घटनाओं की जांच के लिए एक ‘‘निष्पक्ष आयोग’’ गठित करने की भी वकालत की।

द्रमुक नेता ने आरोप लगाया कि बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा इसलिए देना पड़ा क्योंकि एक ‘ऑडियो टेप’ लीक हो गया था जिसमें उन्होंने कथित तौर पर हिंसा भड़काने की बात कही थी और मामला उच्चतम न्यायालय में पहुंच गया था।

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सहित विपक्षी दलों और भाजपा के सहयोगी दलों द्वारा डाले गए दबाव की भी सिंह के इस्तीफे में भूमिका रही।

 

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