राष्ट्रपति मुर्मू ने महिलाओं से बड़े सपने देखने का आग्रह किया

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बेंगलुरु, 14 फरवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को प्रत्येक महिला से साहस जुटाने, बड़े सपने देखने और सपनों को पूरा करने के लिए पूरी ताकत व क्षमता का उपयोग करने का आग्रह किया।

‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा कि भारत की ‘नारी शक्ति’ आकांक्षा रखने, उपलब्धि हासिल करने और योगदान देने के लिए आगे आ रही है।

मुर्मू ने कहा कि चाहे विज्ञान, खेल, राजनीति, कला या संस्कृति हो, ‘‘हमारी बहनें और बेटियां आगे बढ़ रही हैं, अपना सिर ऊंचा कर रही हैं। वे अपने परिवार, संस्थानों और देश को गौरवान्वित कर रही हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मानसिक रूप से मजबूत हुए बिना बाधाओं को तोड़ना और रूढ़ियों को चुनौती देना संभव नहीं है। उन्होंने प्रत्येक महिला से साहस जुटाने, बड़े सपने देखने और इन्हें पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत और क्षमता का उपयोग करने का आग्रह किया।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि अपने लक्ष्य की ओर उनका हर छोटा कदम, विकसित भारत की दिशा में एक कदम है।

मुर्मू ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज की दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य सभी आयु वर्ग के लोगों के सामने सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है।

उन्होंने कहा, ‘‘महिलाएं, विशेष रूप से, कई चुनौतियों के चौराहे पर हैं, जिसमें पेशेवर रूप से प्रतिस्पर्धा करना, सामाजिक अपेक्षाओं को पूरा करना और व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करना शामिल है। कभी-कभी, सांस्कृतिक मानदंड महिलाओं के लिए अपनी भावनात्मक कल्याण के बारे में खुलकर बात करना मुश्किल बना देते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप सब मिलकर बदलाव लाने वाले बन सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे जीवन के हर पहलू में शामिल हो।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम तकनीकी व्यवधान के युग में हैं। प्रौद्योगिकी की प्रगति ने हमें कुछ मायनों में बेहतर जीवन दिया है। ऐसी प्रतिस्पर्धी दुनिया में, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे मानवीय मूल्य बरकरार रहें। वास्तव में, प्रत्येक मनुष्य को करुणा, प्रेम और एकता के मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए सचेत रूप से अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं में करुणा के माध्यम से नेतृत्व करने की विशेष क्षमता होती है। वे व्यक्ति से परे देखने और परिवारों, समुदायों और यहां तक ​​कि वैश्विक स्तर पर रिश्तों की भलाई के लिए काम करने की क्षमता रखती हैं।’’

राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ शिक्षा के क्षेत्र में कई पहल कर रहा है। उन्होंने कहा कि मानवता के लिए बच्चों की शिक्षा से बड़ा कोई निवेश नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘सही मार्गदर्शन और सहयोग के साथ, बच्चे हमारे राष्ट्र की यात्रा में सक्रिय भागीदार बन सकते हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।’’

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