एक मल्‍टी टेलेंटेड एक्‍टर हैं पीयूष मिश्रा

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एक्टिंग के साथ सिंगिंग और रा‍इटिंग जैसी कलाओं में भी माहिर पीयूष मिश्रा एक मल्‍टी टेलेंटेड एक्‍टर के रूप में अलग पहचान बना चुके हैं।

13 जनवरी, 1962 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्मे पीयूष मिश्रा का वास्‍तविक नाम प्रियकांत शर्मा था। उनकी बुआ तारा देवी मिश्रा ने कोई संतान न होने के कारण उन्हें गोद लिया था। इस तरह वह प्रियकांत शर्मा से पीयूष मिश्रा बन गए।

पीयूष मिश्रा को बचपन से एक्टिंग में दिलचस्‍पी थी। 1983 में उन्‍होंने दिल्‍ली के एनएसडी में दाखिला लिया। जब वह एनएसडी के सेकंड ईयर में थे, जर्मन निर्देशक, फ्रिट्ज़ बेनेविट्ज़ ने उन्हें ‘हेमलेट’ की शीर्षक भूमिका में निर्देशित करते हुए अभिनय की बारीकियों से परिचित कराया।

साल 1986 में वे एनएसडी से पास आउट हुए। उसके बाद उन्‍होंने थियेटर शुरू किया। 1988 में श्‍याम बेनेगल के टीवी सीरियल ‘भारत एक खोज’ के एक सीरियल में पीयूष नजर आए।

1990 में वे फाउंडर-डायरेक्‍टर एन के शर्मा के थियेटर ग्रुप ‘एक्‍टर वन’ से जुड़ गए। इस ग्रुप में उन्‍होंने मनोज बाजपेयी, गजराज राव और आशीष विद्यार्थी जैसे एक्‍टर्स के साथ जमकर थियेटर किया। उस दौरान पीयूष मिश्रा ने कई नाटक लिखे और उनमें एक्टिंग की। कुछ नाटक उन्‍होंने निर्देशित भी किए।

कुछ ही बरसों में पीयूष ने खुद को एक थियेटर निर्देशक, एक्‍टर, गीतकार और गायक के रूप में स्‍थापित कर लिया। जब 1993 में उन्हें फिल्‍म ‘सरदार’ में एक कैमियो का आफर मिला, तब वह दिल्‍ली से मुंबई आ गए।

मणिरत्नम की फिल्म ‘दिल से’ (1998) में उन्‍होंने सीबीआई इन्‍वेस्टिगेटर का जो किरदार निभाया, उसके लिए उनके काम की जमकर प्रशंसा हुई।  ‘मकबूल’ (2003) और ‘गैग्‍स ऑफ वासेपुर’ (2012) के लिए भी उनके काम को काफी अधिक पसंद किया गया।  

इसके बाद उन्होंने ढेर सारी तमिल, तेलुगु फिल्‍मों के अलावा ‘गुलाल’, ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘द शौकीन्स’, ‘तेरे बिन लादेन’, ‘लफंगे परिंदे’, ‘दैट गर्ल इन येलो बूट्स’, ‘रॉकस्टार’, ‘तमाशा’, ‘पिंक’, ‘संजू’ जैसी हिंदी फिल्‍मों के साथ ही साथ एक दर्जन से अधिक शोर्ट फिल्‍में और अनेक वेब सीरीज में अपनी यादगार अदाकारी से गहरी छाप छोड़ी।

वेब सीरीज ‘इल्‍लीगल’ (2020) और  ‘इल्‍लीगल 2’ (2021) में एडवोकेट जनार्दन जेटली के किरदार में उन्‍होंने अपने शानदार एक्टिंग टेलेंट से हर किसी का दिल जीत लिया।

‘गुलाल’, ‘लाहौर’, ‘टशन’, ‘आजा नचले’, जैसी फिल्‍मों के लिए पीयूष ने गीत भी लिखे । फिल्म ‘गुलाल’ (2009) के लिए पीयूष मिश्र का एक गाना ‘आरंभ है प्रचंड’ काफी लोकप्रिय हुआ था। इसी फिल्‍म में पीयूष मिश्रा के दो अन्‍य गाने ‘शहर’ और ‘दुनिया’ को भी लोगे ने बेशुमार प्यार दिया था।

फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर (2002) में भी पीयूष मिश्रा के गाने दर्शकों को बेहद पसंद आए। खासकर उनका गाना ‘इक बगल’ काफी लोकप्रिय हुआ था।  

पीयूष मिश्रा ने 2012 में यूट्यूब चैनल पर रिलीज कोक स्टूडियो के सीजन 2 में ‘हुस्ना’ गाना गाया।  इसके बाद साल 2013 में कोक स्टूडियो के यूट्यूब चैनल पर रिलीज पीयूष मिश्रा का गाना ‘घर’ भी काफी  था। शीश महल एल्बम का गाना ‘भोला सा मन’ साल 2016 में रिलीज हुआ था। इस 5 मिनट 49 सेकेंड के गाने को लोगों ने बेहद पसंद किया था

पीयूष मिश्रा ने ‘गजनी’, ‘लाहौर’, ‘अग्निपथ’, ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ जैसी फिल्मों के डॉयलोग भी लिखे हैं। वह एक कवि भी हैं। उनकी कविता ‘कुछ इश्क किया कुछ काम किया’ खूब मशहूर हुई थी। इसी नाम से उन्‍होंने एक कविता संग्रह भी लिखा।

1995 पीयूष ने में प्रिया नारायणन से शादी की जिनसे उनकी मुलाकात 1992 में स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर में एक नाटक का निर्देशन करते समय हुई थी। प्रिया नारायणन पेशे से एक आर्किटेक्‍ट हैं। प्रिया से पीयूष को दो बेटे जय और जोश हैं।

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