इम्फाल, मणिपुर के भाजपा विधायक करम श्याम ने बुधवार को दावा किया कि जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य के मुख्यमंत्री पद से एन बीरेन सिंह के नौ फरवरी को इस्तीफा देने के बाद ‘‘कोई संवैधानिक संकट’’ नहीं है।
श्याम ने कहा कि विधायकों की मदद से केंद्र सरकार मौजूदा मुद्दों का समाधान करेगी।
भाजपा विधायक ने कहा कि मौजूदा मुद्दों को केंद्र सरकार विधायकों की मदद से सुलझाएगी।
उन्होंने कहा, “मुझे राष्ट्रपति शासन के बारे में जानकारी नहीं है। मुझे लगता है कि विधायकों की सहायता से यह समस्या (वर्तमान नेतृत्व संकट) केंद्र सरकार हल कर लेगी। मुझे नहीं लगता कि मणिपुर में कोई संवैधानिक संकट है।”
भाजपा विधायक इम्फाल के एक होटल में पार्टी के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा से मिलने पहुंचे थे।
जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में नौ फरवरी को मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद पैदा हुए नेतृत्व संकट के बीच पात्रा के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की थी।
विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने के अधिकतम अंतराल की समाप्ति पर पूछे गए सवाल पर श्याम ने कहा, “देखते हैं क्या होता है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या आज दिन में नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो सकती है, तो हंसते हुये श्याम ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर अब तक कोई सरकार बनाने का दावा नहीं करता है तो भाजपा शासित मणिपुर संवैधानिक संकट की ओर बढ़ सकता है।
उन्होंने कहा कि यदि स्थिति ऐसी ही बनी रही तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है।