मेरी सरकार में अब तक कोई सांप्रदायिक दंगा या जातीय संघर्ष की घटना नहीं हुई : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

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लखनऊ, 18 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन विधानमंडल के दोनों सदनों को एक साथ संबोधित करते हुए कहा कि मेरी सरकार में अब तक कोई दंगा या जातीय संघर्ष की घटना नहीं हुई।

सदन के पटल पर रखे गये राज्यपाल के अभिभाषण के अनुसार पटेल ने कहा, ”विभिन्न महत्वपूर्ण त्योहारों मेलों, जुलूसों, शोभा यात्राओं व धार्मिक आयोजनों के साथ साथ विभिन्न निर्वाचनों को शांतिपूर्ण ढंग से सकुशल सम्पन्न कराये जाने में सफलता प्राप्त हुई है।… मेरी सरकार में अब तक कोई सांप्रदायिक दंगा या जातिगत संघर्ष की घटना नहीं हुई है।”

दरअसल, राज्‍य के मुख्‍य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों के भारी विरोध और हंगामे के बीच राज्यपाल ने सिर्फ आठ मिनट 35 सेकंड में अपना 40 पेज का अभिभाषण समाप्त कर दिया। बाद में उनके अभिभाषण की पुस्तिका सदस्यों में वितरित की गयी।

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कानून व्यवस्था और आमजन की सुरक्षा के पहलू को भी प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज के लिए सुरक्षा उसकी मूलभूत आवश्यकता है।

पटेल ने विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना करते हुए कहा, ”2017 के पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी थी और आमजन का शासन-प्रशासन से विश्वास उठ चुका था, पुलिस आधुनिकीकरण व सुधार करते हुए उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को नजीर के रूप में प्रस्तुत किया गया।”

राज्यपाल ने कहा, ”अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति जारी है। प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं पुलिसिंग के स्तर व गुणवत्ता में नियमित एवं समयबद्ध रूप से सुधार किए जा रहे हैं। प्रदेशवासियों को अपराध मुक्त एवं भयमुक्त वातावरण देकर रामराज्य की संकल्पना को साकार किया जा रहा है। ”

राज्यपाल ने कहा, ”ऑपरेशन कन्विक्शन के अन्तर्गत जुलाई, 2023 से दिसम्बर, 2024 तक 51 अभियुक्तों को मृत्युदंड, 6,287 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 1091 अभियुक्तों को 20 वर्ष से अधिक की सजा, 3,868 अभियुक्तों को 10 से 19 वर्ष तक की सजा, 5,788 अभियुक्तों को पांच से नौ वर्ष की सजा एवं 51,748 अभियुक्तों को पांच वर्ष से कम की सजा से दण्डित कराया गया है।

उन्होंने कहा कि नवम्बर, 2019 से अब तक चिन्हित माफिया या गैंग के सदस्यों के विरुद्ध विचाराधीन मुकदमों की न्यायालयों में प्रभावी पैरवी करते हुए 31 माफिया व 74 सह-अपराधियों को अलग-अलग अभियोगों में आजीवन कारावास/कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित कराया गया, जिसमें से दो को मृत्युदण्ड की सजा हुई।

राज्यपाल ने कहा कि अवैध रूप से अर्जित बेनामी सम्पत्तियों को चिन्हित माफिया अपराधियों से मुक्त कराकर 4074 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति का जब्तीकरण/ध्वस्तीकरण एवं अवैध कब्जे से मुक्त कराते हुए 141 अरब से अधिक मूल्य की चल-अचल सम्पतियों को राज्य सरकार में निहित किया गया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 को एक जुलाई, 2024 से सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया है, जिसमें अब तक लगभग दो लाख 50 हजार से अधिक मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं।

राज्यपाल ने पुलिस सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि ऑपरेशन त्रिनेत्र के अंतर्गत सभी थानों में अब तक 11 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर दिए गए हैं। वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2024 में अभूतपूर्व सुधार करते हुए यूपी-112 का रिस्पांस टाइम 25 मिनट 42 सेकेंड से घटाकर 07 मिनट 24 सेकेंड कर दिया गया है।

उन्होंने साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में साइबर क्राइम थाने स्थापित करते हुए साइबर अपराधों पर नियंत्रण के प्रयासों का भी उल्लेख किया।

अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि ट्विटर पर प्राप्त शिकायतों को संज्ञान में लेकर वर्ष 2017 से अब तक 21 हजार 655 एफआईआर पंजीकृत की गयी हैं जबकि एसटीएफ द्वारा की गई कार्रवाई के तहत वर्ष 2017 से अब तक 653 जघन्य अपराध घटित होने से पूर्व ही रोक लिए गए हैं। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा वर्ष 2017 से अब तक 130 आतंकवादी एवं 171 रोहिंग्या/बांग्लादेशी व सहयोगियों की गिरफ्तारी की गई है।

राज्यपाल ने सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में मानव बल बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों का भी अभिभाषण में उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा वर्ष 2017 के बाद विभिन्न पदों पर एक लाख 56 हजार से अधिक भर्ती की गई तथा एक लाख 49 हजार से अधिक कर्मियों को प्रोन्नति प्रदान की गई है।

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