बहुत जरूरी है सुबह का नाश्ता

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आहार विशेषज्ञों के अनुसार, सुबह का नाश्ता दिनभर का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भोजन है क्योंकि रातभर के उपवास के बाद हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता महसूस होती है। सोते समय हम 450 कैलोरी ऊर्जा खर्च करते हैं और सुबह जब हम उठते हैं तो हमारे शरीर में न्यूनतम ऊर्जा होती है। सुबह का नाश्ता शरीर में ऊर्जा की पूर्ति करने में सहायक होता है।
इसके अलावा जब हम सोते हैं, हमारी चयापचय क्रिया मंद पड़ जाती है। सुबह का नाश्ता हमारे शरीर में आक्सीजन की बढ़ोत्तरी करता है। अगर हम सुबह का नाश्ता नहीं करते तो इससे हमारे शरीर को जो क्षति पहुंचती है, उसकी पूर्ति पूरे दिन का भोजन भी नहीं कर पाता। कई लोग सुबह घर से नाश्ता करके नहीं जाते लेकिन ऑफिस जाकर बर्गर, पैटीज़ इत्यादि अत्यधिक वसायुक्त पदार्थ खाते हैं। यह काफी हानिकारक है, इसलिए सुबह का नाश्ता न करने वाले व्यक्तियों में मोटापा अधिक पाया जाता है।
नियमित रूप से सुबह का नाश्ता करने वाले बच्चों की सोचने की क्षमता में विकास होता है और वे अपनी तीक्ष्ण बुद्धि से अपनी समस्याओं को आसानी से हल कर लेते हैं। अतः सुबह का नाश्ता पौष्टिकता से भरपूर होना चाहिए, जिसमें उचित मात्रा में कार्बोहाइडेªट्स, प्रोटीन, खनिज पदार्थ व विटामिन हों। दलिया, सूजी या आटे से बने पदार्थ रेशे, कार्बोहाइडेªट्स, प्रोटीन, खनिज आदि के अच्छे स्रोत हैं।
सुबह के नाश्ते में बच्चों को वसायुक्त पदार्थ देने से बचें क्योंकि ये बच्चों में सुस्ती पैदा करने में सहायक होते हैं। अन्न, जैसे-कॉर्नफ्लेक्स, जई का आटा, चावल, गेहूं का आटा आदि में कम वसा व अधिक कार्बोहाईडेªट पाए जाते हैं। ये अनाज विटामिन बी जो ऊर्जा प्रदान करने में सहायक है, खनिज-जो हमें आयरन देते हैं और कैल्शियम जो हड्डियों व दांतों की मजबूती के लिए आवश्यक हैं, के अच्छे स्रोत हैं, अतः इनका भरपूर मात्रा में सेवन करें।
साथ ही सुबह के नाश्ते में प्रोटीनयुक्त पदार्थों का सेवन भी उचित मात्रा में करें। दूध, पनीर व अंडा प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा दालें भी, अगर इन्हें सही ढंग से खाया जाए तो ये भी हमें प्रोटीन देती हैं।
दूध को दही, लस्सी या पनीर के रूप में लिया जा सकता है। किसी भी अनाज के साथ लिया गया दूध हमारी रोज़ाना की कैल्शियम की जरूरत को पूरा करता है। सुबह के नाश्ते में फलों, व सब्जियों का भी अपना महत्व है। ये हमें कब्ज से दूर रखते हैं। साथ ही, ये खनिज व विटामिन के भी अच्छे स्रोत हैं।
अगर बच्चों को सुबह का नाश्ता करने की आदत नहीं तो धीरे-धीरे उन्हें आदत डालिए। पहले-पहल आप तरल पदार्र्थों से शुरूआत कर सकती हैं जैसे-संतरे का जूस या फिर पानी ही पीने को दें। यह उनकी भूख बढ़ाएगा। फिर एक घंटे बाद उन्हें नाश्ता दें। नाश्ते की शुरूआत में उन्हें बहुत हल्का भोजन खाने को दें। धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ाती जाएं। उन्हें वही खाने को दें जो उन्हें पसंद हो।
उनके पसंदीदा व्यंजनों को यथासंभव पौष्टिक बनाने का प्रयास करें जैसे-यदि बच्चे परांठे पसंद करते हैं तो परांठों में अलग-अलग सब्जियां-गोभी, बथुआ, मूली, मेथी, पालक आदि भरकर बनाएं व दही या फिर दूध के साथ उन्हें दें।
इसके अलावा एक गिलास दूध के साथ उनके पसंदीदा फल भी दे सकते हैं अथवा भीगे हुए बादाम आदि भी दिए जा सकते हैं। बच्चों से नाश्ते के बारे में उनकी पसंद-नापसंद पूछें। जो वे पसंद करते हों, उसमें पौष्टिकता बनाए रखने हेतु फलों, हरी सब्जियों व अनाज का प्रयोग अत्यधिक मात्रा में करें।
बेहतर होगा कि बच्चों को फलों व सब्जियों का सलाद इस ढंग से सजाकर दें कि उसे देखते ही उनका जी ललचाने लगे। आजकल विभिन्न पत्रा-पत्रिकाओं व टी. वी. चैनलों पर विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने सिखाए जाते हैं। बच्चों की बेहतरी हेतु आप नए-नए, पौष्टिकता से भरपूर व्यंजन बनाना सीखें।
कई बार बच्चों को सुबह का नाश्ता करने की आदत इसलिए भी नहीं होती क्योंकि माताएं इतनी सुबह उनकी पसंद का नाश्ता तैयार ही नहीं कर पाती और जो वे बच्चों को खाने को देती हैं, उसे बच्चे पसंद नहीं करते। लिहाजा वे बिना कुछ खाए पिए ही स्कूल चले जाते हैं।
अतः आपके लिए बेहतर यही है कि आप सुबह थोड़ा जल्दी उठकर बच्चों का पसंदीदा नाश्ता बनाएं। समय-समय पर सुबह के नाश्ते में बदलाव लाती रहें। ध्यान रहे, सुबह का नाश्ता आपको बच्चों के लिए बेहद आवश्यक है अतः इसके प्रति सचेत रहें। 

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