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दांपत्य जीवन में पति-पत्नी को गाड़ी के दो पहियों के समान माना जाता है जिसमें यदि एक भी पहिया खराब हो जाये तो गृहस्थ रूपी मकान पल भर में धराशायी हो जायेगा।
ऐसे में नितांत आवश्यक है कि पति पत्नी के मध्य, प्रेम, समर्पण, सूझ-बूझ त्याग, सहनशीलता और सहयोग की भावना हो। आइये कुछ बातों पर ध्यान दें, विचारें, तत्पश्चात जीवन में उतारें और दांपत्य जीवन को सुखमय बनायें।
एक दूसरे की हरकतों को शक की नजर से न देखें। पूर्ण विश्वास कायम रखें। कटु शब्द या व्यंग्यभरी बातें इस्तेमाल न करें।
हर व्यक्ति में जन्मजात प्रतिभा अवश्य विद्यमान रहती है। पति पत्नी एक दूसरे की प्रतिभा का सम्मान करें। उसे उभारने में यथोचित सहायता करें।
कई पति अपनी उच्च शिक्षित पत्नी जो ऊंचे पद पर कार्यरत हो, का मान झेल नहीं पाते। ऐसे में ’ईगो‘ प्रकट होकर दांपत्य जीवन में कड़वाहट घोल देता है। इससे बचने की कोशिश करें।
पति-पत्नी दोनों एक दूसरे के पारिवारिक रिश्तेदारों के प्रति स्नेह एवं सम्मान बनाये रखें। दोनों में यदि किसी एक का मिजाज गरम हो तो दूसरे को सहनशील होना चाहिये। क्रोध शांत होने पर उचित एवं खुशनुमा माहौल में उसकी गलती का निरंतर अहसास करायें व सुधारने का मौका अवश्य दें।
छोटी-छोटी अनावश्यक बातों को तूल देकर बेकार में घर की शांति भंग मत कीजिये। छोटी सी बात को लेकर मनमुटाव न हो या मुंह फुला कर न बैठ जायें। यदि किसी बात को लेकर मन में संशय हो या आपका मन व्यथित हो तो तुरंत स्पष्ट रूप से पूछ लें ताकि आशंका के बादल छट जायें।
जीवन में एक सी दिनचर्या कभी कभी बोझिल एवं नीरस कर देती है। इससे बचने के लिए बाहर घूमने अवश्य जायें। कभी पिकनिक तो कभी सिनेमा देखने का कार्यक्रम बनायें।
बीती बातों को लेकर बखेड़ा न खड़ा करें क्योंकि जो बीत गया वह वापस नहीं आयेगा किन्तु जो पल आपके पास है, उसका सदुपयोग कर उस पल को भरपूर जियें और खुशियां बटोरें।
आपसी समस्याओं को परिवार के सदस्यों को बताने में संकोच न करें। पति यदि किसी बुरी लत या दुर्व्यसन का शिकार हो गया हो तो धैर्यपूर्वक परिवार वालों के साथ मिलकर समस्या को सुलझाने का प्रयास करें।
पति-पत्नी एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करें। एक दूसरे के अस्तित्व की रक्षा करें। पति पर पत्नी का पूर्ण अधिकार होता है और पति द्वारा सुरक्षा, सम्मान एवं भरपूर प्यार तभी प्राप्त होगा जब पत्नी अपना समर्पण करे एवं कर्तव्य को पूर्ण ईमानदारी व निष्ठा से साथ निभाएं।
एक दूसरे के प्रति वफादार बने रहें। कभी-कभी एकदूसरे के छोटा-मोटा उपहार भेंट स्वरूप दें। प्यार की यह मीठी सौगात दांपत्य जीवन में मिठास घोल देगी।
इन्हीं छोटी मोटी किंतु महत्त्वपूर्ण बातों में आदर्श गृहस्थ जीवन का राज छिपा है। इस पर गौर कर यदि व्यवहार में अमल करें तो वैवाहिक जीवन में खुशियां छा जायेंगी, कलह अशांति कोसों दूर भागेंगे और दांपत्य जीवन सुमधुर एवं सुखमय बन जायेगा।