महाराष्ट्र की ‘लाडकी बहन’ योजना से मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं को लाभ मिला: अध्ययन

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मुंबई, 20 फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र सरकार की ‘मुख्यमंत्री मांझी लाडकी बहिन योजना’ की लाभार्थियों में से 83 प्रतिशत विवाहित महिलाएं हैं। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी सामने आयी।

समझा जाता है कि महाराष्ट्र में नवंबर 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत में इस योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस योजना के तहत, 21 से 65 वर्ष की आयु की विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्त या निराश्रित महिलाओं तथा 2,50,000 रुपये प्रति वर्ष से कम पारिवारिक आय वाली महिलाओं को राज्य सरकार 1,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान करती है ।

इस योजना के तहत, घर की एक अविवाहित महिला को भी यह सहायता प्रदान की जाती है।

इस योजना के तहत अब तक करीब 2.5 करोड़ लाभार्थी पंजीकृत हैं। हालांकि सरकार अब अपात्रों को बाहर करने के लिए जांच कर रही है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि आंकड़ों से पता चलता है कि विवाहित महिलाओं की संख्या 83 प्रतिशत, जबकि अविवाहित महिलाओं की संख्या 11.8 प्रतिशत, विधवाओं की संख्या 4.7 प्रतिशत, जबकि ‘तलाकशुदा, निराश्रित या परित्यक्त’ महिलाओं की संख्या सामूहिक रूप से 1 प्रतिशत से भी कम है।

आंकड़ों के अनुसार, तलाकशुदा महिलाओं की संख्या 0.3 प्रतिशत, परित्यक्त महिलाओं की संख्या 0.2 प्रतिशत और निराश्रित महिलाओं की संख्या 0.1 प्रतिशत है।

सबसे अधिक 29 प्रतिशत लाभार्थी 30-39 साल के आयु वर्ग से हैं, इसके बाद 25.5 प्रतिशत 21-29 के आयु वर्ग से और 23.6 प्रतिशत 40-49 साल के आयु वर्ग से हैं। 60 से 65 वर्ष की आयु की महिलाओं की संख्या केवल पांच प्रतिशत है।

यह योजना पिछले साल जुलाई में शुरू की गई थी। विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता में आने के बाद कहा कि वादा निभाया जाएगा और आने वाले बजट में इस आशय की घोषणा की उम्मीद है।

नई महायुति सरकार ने अयोग्य लाभार्थियों को हटाने के लिए समीक्षा का आदेश दिया।

अब तक, पाँच लाख लाभार्थियों को सूची से बाहर किया गया है, अधिकारियों का अनुमान है कि यह संख्या बढ़कर 15 लाख हो सकती है।

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