मप्र के मुख्यमंत्री यादव ने निवेशक सम्मेलन से पहले 1.8 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की

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भोपाल,  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस महीने के अंत में होने वाले राज्य के वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले पिछले कुछ हफ्तों में ब्रिटेन से लेकर जापान तक के देशों के व्यापारिक दिग्गजों के साथ-साथ भारतीय औद्योगिक घरानों से संपर्क कर लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता हासिल की हैं।

मध्यप्रदेश अपने भौगोलिक लाभ, व्यापार-समर्थक नीतियों और मजबूत बुनियादी ढांचे का लाभ उठाकर एक आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित कर रहा है, जो वैश्विक उद्यमों और दूरदर्शी उद्यमियों को आकर्षित करता है।

यादव के नेतृत्व में राज्य ने कई महत्वपूर्ण निवेश पहलों के माध्यम से अपने औद्योगिक परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने के मिशन की शुरुआत की है।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पर्याप्त निवेश प्रस्ताव हासिल करने और राज्य में आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कई विदेशी और क्षेत्रीय दौरे किए।

पिछले साल उनकी ब्रिटेन और जर्मनी की छह दिवसीय यात्रा के परिणामस्वरूप 78,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।

उनकी ब्रिटेन यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश को 59,350 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जबकि जर्मनी ने 18,090 करोड़ रुपये का अतिरिक्त योगदान दिया।

यादव ने कहा, “ब्रिटेन की यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल का ध्यान खनिज, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य, वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा और खाद्य प्रसंस्करण पर केंद्रित था। जर्मनी में, हमने विशेष रूप से प्रौद्योगिकी अनुसंधान, हरित ऊर्जा और औद्योगिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया।”

ब्रिटेन स्थित एसआरएएम और एमआरएएम ग्रुप ने सेमीकंडक्टर और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पार्क में 25,000 करोड़ रुपये निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा, हेलियन फार्मास्यूटिकल्स ने 3,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है।

जर्मनी की लॉन्ग हाउस पार्टनर्स ने प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षेत्र में 14,000 करोड़ रुपये निवेश करने का संकल्प लिया है, जबकि एएमएस ओएसआरएएम ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 1,500 करोड़ रुपये निवेश करने में रुचि दिखाई है।

यादव ने पिछले महीने जापान की चार दिवसीय यात्रा भी की थी, जिसका उद्देश्य व्यापार संबंधों को मजबूत करना और भोपाल में 24-25 फरवरी को होने वाले आगामी वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन (जीआईएस) के लिए निवेश आकर्षित करना था।

अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने शीर्ष उद्योगपतियों से मुलाकात की और मध्यप्रदेश में निवेश के लिए निमंत्रण दिया।

यादव ने कहा, “हम मध्यप्रदेश को बदलने के लिए जापान के आधुनिक विकास मॉडल को अपना रहे हैं। इस यात्रा ने कई क्षेत्रों में औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और स्वरोजगार के लिए दरवाजे खोले हैं।”

उन्होंने कहा कि जापान शिखर सम्मेलन में एक प्रमुख भागीदार होगा।

इस यात्रा के दौरान, जापान-मध्यप्रदेश औद्योगिक सहयोग मंच की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिससे राज्य में जापानी औद्योगिक पार्क, कौशल विकास केंद्र और स्मार्ट विनिर्माण केन्द्रों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।

सरकार जापानी निवेशकों के साथ निरंतर जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिए जापान प्लस सेल भी स्थापित करेगी।

मुख्यमंत्री ने परिधान ब्रांड यूनिक्लो को राज्य में अवसरों की खोज करने के लिए आमंत्रित किया, ताकि उसके अद्वितीय प्राकृतिक रूप से रंगीन कपास उत्पादन का लाभ उठाया जा सके।

यादव ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, व्यापार समर्थन और युवा रोजगार पहल में सहयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शोहेई हारा के साथ भी चर्चा की।

टोक्यो स्थित ब्रिजस्टोन मुख्यालय में उन्होंने कंपनी के वैश्विक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शुइची इशिबाशी तथा उद्योग जगत के अन्य दिग्गजों के साथ निवेश के अवसरों पर चर्चा की।

विदेशी निवेश के अलावा मध्यप्रदेश ने प्रमुख शहरों में आयोजित क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलनों के माध्यम से भी आक्रामक तरीके से निवेश आकर्षित किया है।

उज्जैन सम्मेलन में 283 इकाइयों को 508 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई, जिससे 12,170 करोड़ रुपये का निवेश हुआ और 20,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला। 60 से अधिक औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन किया गया, जिससे 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश हुआ और 17,000 से अधिक नौकरियों का सृजन हुआ।

सम्मेलन में 12 देशों, 650 से अधिक औद्योगिक निवेशकों की भागीदारी तथा 2,100 व्यापारिक बैठकों में 4,000 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ एक लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

जबलपुर सम्मेलन में 67 औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया, जिससे 1,530 करोड़ रुपये का निवेश हुआ और 4,560 नौकरियों का सृजन हुआ। 700 से अधिक क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित की गईं, और 15 से अधिक राज्यों के निवेशकों के साथ-साथ छह देशों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस आयोजन में बड़े उद्योगों के लिए 13,375 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसी तरह, ग्वालियर सम्मेलन में 47 औद्योगिक इकाइयों का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उद्घाटन हुआ, 1,586 करोड़ रुपये का निवेश हुआ और 35,000 से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिले। 120 इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र जारी किए गए और 8,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

सागर में मुख्यमंत्री यादव ने औद्योगिक इकाइयों के लिए 96 आशय पत्र जारी किए, जिससे 1,560 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ और 5,900 रोजगार के अवसर पैदा हुए।

राज्य सरकार ने खजुराहो को फिल्म सिटी के रूप में विकसित करने की योजना की भी घोषणा की और छह जिलों – सागर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर और दमोह में निवेश सुविधा केंद्र शुरू किए।

राज्य को 23,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे 27,000 लोगों को नौकरियां मिलने की उम्मीद है। शहडोल सम्मेलन में 32,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए, जिससे 31,000 नौकरियों का सृजन हुआ।

कुल 102 इकाइयों को 402 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई तथा 572 करोड़ रुपये की लागत की 30 औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन या शिलान्यास किया गया।

इसके अलावा शहडोल इंजीनियरिंग कॉलेज ने नए बीटेक पाठ्यक्रम की घोषणा की और अनूपपुर में बाईपास निर्माण परियोजना का अनावरण किया गया। इस सम्मेलन में 15,000 से अधिक निवेशकों और उद्यमियों ने भाग लिया।

कुल मिलाकर, क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलनों ने पर्याप्त निवेश हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अकेले उज्जैन सम्मेलन में 1,00,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए, जिससे 1,00,000 नौकरियों का सृजन हुआ।

 

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