वृहद आर्थिक आंकड़ों, विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी शेयर बाजार की दिशा : विश्लेषक

0
2023_9image_12_17_363537593sharemarket

नयी दिल्ली,  स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह आने वाले मुद्रास्फीति और अन्य वृहद आर्थिक आंकड़ों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा है कि इसके अलावा विदेशी निवेशकों की गतिविधियां भी बाजार पर असर डालेंगी।

साथ ही कंपनियों के तिमाही नतीजे और रुपये-डॉलर का रुख भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा, ‘‘यह सप्ताह भारतीय और विदेशी बाजारों के लिए गतिविधियों वाला होगा। सप्ताह के दौरान महत्वपूर्ण वृहद आर्थिक आंकड़े और कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं। मुद्रास्फीति, औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े और प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगे।’’

सिंघानिया ने कहा कि बुधवार को जनवरी के लिए अमेरिकी के मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर सभी का ध्यान रहेगा।

उन्होंने कहा कि भारत के मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े 12 फरवरी को जारी किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को ब्रिटेन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के आंकड़े आएंगे। शुक्रवार को अमेरिका के जनवरी माह के खुदरा बिक्री के आंकड़े आएंगे।

उन्होंने कहा कि कंपनियों के तिमाही नतीजे भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। सप्ताह के दौरान आयशर मोटर्स, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, वोडाफोन आइडिया, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अच्छे बजट और मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा रेपो दर में कटौती से बाजार की धारणा में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत से लघु अवधि में बाजार की धारणा पर सकारात्मक असर पड़ेगा।’’

पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 354.23 अंक या 0.45 प्रतिशत चढ़ा, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 77.8 अंक या 0.33 प्रतिशत के लाभ में रहा।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘आगे चलकर निवेशकों की नजर कंपनियों के तिमाही नतीजों और आगामी वृहद आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी। इनमें औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ें शामिल हैं। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर भी निवेशकों की निगाह रहेगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *