खरगे ने सरकार पर कसा तंज, कहा : अमृत काल है या विष काल

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नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को राज्यसभा में सरकार पर तीखा हमला बोला और सवाल किया कि यह अमृत काल है या विष काल?

राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि सरकार ‘सबके विकास’ की बात करती है लेकिन वह सिर्फ चंद उद्योगपतियों, अमीरों और अपने कुछ दोस्तों का ही विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण किसान और बेरोजगार आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में देश भर में एक लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है।

खरगे ने विभिन्न वर्गों की परेशानियों का जिक्र करते हुए सवाल किया कि यह ‘‘अमृत काल है या विष काल?’’

उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेच रही है और इसे सिर्फ एक ही व्यक्ति को सौंप रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि विज्ञापन ही इस तरह से तैयार किए जाते हैं कि एक ही व्यक्ति को सभी काम मिलते हैं।

खरगे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान पर भी आपत्ति जतायी और कहा कि आरएसएस प्रमुख ने अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद देश को आजादी मिलने की बात की थी।

बाद में, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने खरगे के विभिन्न दावों का प्रतिकार करते हुए उन्हें असत्य बताया और कहा कि खरगे ने अपने संबोधन में एनसीआरबी (राष्‍ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्‍यूरो) के आंकड़ों का हवाला दिया है लेकिन उनकी पार्टी के 10 साल के कार्यकाल में 57 प्रतिशत अधिक किसानों ने आत्महत्या की थी।

गोयल ने भागवत के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि आरएसएस प्रमुख ने देश को सांस्कृतिक आजादी की बात की थी।

खरगे राष्ट्रपति अभिभाषण पर उच्च सदन में हुई चर्चा में भाग ले रहे थे।

उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया और उनसे इस्तीफा देने की मांग की।

खरगे ने आरोप लगाया कि कि गृह मंत्री ने इसी सदन में बाबा साहेब का अपमान किया और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए और अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भाजपा अक्सर कांग्रेस पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाती रहती है, लेकिन वास्तव में भाजपा और आरएसएस ही बाबा साहेब का अपमान करते रहे हैं। उन्होंने आंबेडकर द्वारा लिखे गए एक पत्र का हवाला देते हुए कहा, ‘‘बाबा साहब ने 1952 में अपने एक मित्र को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि वास्तव में डांगे और सावरकर ने चुनाव में उन्हें हराने के लिए साजिश रची थी।’’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है और पानी पर लकीर खींचने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामी को भी सफलता बता रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो वादे किए थे, खोखले निकले। इस क्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 10 वादों का जिक्र किया और उन्हें जुमला करार दिया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश से काला धन लाने, सभी को 15 लाख रुपये मिलने, हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरियां देने, गंगा नदी को पूर्ण रूप से साफ करने, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने, नोटबंदी के बाद 50 दिन बाद चीजें सामान्य होने का वादा किया था। लेकिन वे सिर्फ जुमले साबित हुए।

खरगे ने कहा कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तब भाजपा के नेताओं ने उन्हें बार-बार अपमानित किया। लेकिन मनमोहन सिंह ने मौन रहकर देश के लिए काम किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने रुपये की गिरती कीमत पर तंज किया था कि रुपया अस्पताल में है।

खरगे ने कहा कि उस समय रुपये की कीमत प्रति डॉलर 60 रुपया था और मोदी सरकार में रुपया वेंटिलेटर पर है क्योंकि इसकी कीमत घटकर 87 रुपये रह गयी है। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में जीडीपी विकास दर 7.8 प्रतिशत थी जो गिरकर मात्र 5.8 प्रतिशत रह गयी है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों की विरोधी और मनुवादी है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में 35-40 लाख रिक्तियां हैं और इस वजह से बड़ी संख्या में वंचित वर्ग के बच्चों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं।

खरगे ने दावा किया कि देश में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध में वृद्धि हो रही है और दलितों को उनका हक नहीं मिल रहा है।

उन्होंने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिए जाने और सब्सिडी बढाए जाने की मांग की और कहा कि सरकार को किसानों से किए गए वादों को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने मणिपुर हिंसा का भी जिक्र किया और सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने वहां की यात्रा क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी वहां जा सकते हैं लेकिन प्रधानमंत्री वहां नहीं जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वहां झगड़ा मिटाना नहीं चाहती।

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