नयी दिल्ली, आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को उस प्रावधान को चुनौती देने वाली अपनी याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय से वापस ले ली, जिसके तहत मुख्यमंत्री सहित राज्य सरकार के मंत्रियों को विदेश यात्राओं के लिए केंद्र से राजनीतिक मंजूरी लेनी होती है।
गहलोत अब बिजवासन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हैं। उनके वकील ने न्यायमूर्ति सचिन दत्ता से कहा कि उनके मुवक्किल अपना मामला वापस लेना चाहते हैं।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘याचिका को वापस लिये जाने के कारण खारिज किया जाता है।’’
यह याचिका 2022 में तब दायर की गयी थी जब दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आठवें विश्व शहर शिखर सम्मेलन के लिए सिंगापुर जाने की अनुमति नहीं मिली थी।
याचिका में कहा गया था कि यह ‘विवेकाधिकार के दुरुपयोग’ का कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी जब गहलोत ने लंदन के परिवहन विभाग के निमंत्रण पर लंदन जाने के लिए मंजूरी मांगी थी, तो केंद्र सरकार के संबंधित अधिकारियों ने तब तक कोई जवाब नहीं दिया था, जब तक कि अनुरोध का कोई मतलब नहीं रह गया।
याचिका में (केंद्रीय) मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा जारी किए गए कई कार्यालय परिपत्रों के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी, जिनके तहत केंद्र को राज्य सरकार के मंत्रियों को विदेश यात्रा की अनुमति देने या अस्वीकार करने का अधिकार है।
तत्कालीन परिवहन मंत्री गहलोत ने नवंबर, 2024 में दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गये थे।