संयुक्त राष्ट्र, छह फरवरी (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा पट्टी पर “स्वामित्व” स्थापित करने का प्रस्ताव देने के एक दिन बाद संयुक्त राष्ट्र (संरा) महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने बुधवार को कहा कि किसी भी तरह के जातीय सफाये से बचना जरूरी है।
गुतारेस ने इसी के साथ इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के दो-राष्ट्र समाधान की एक बार फिर वकालत की।
जातीय सफाये का मतलब किसी शक्तिशाली पक्ष की ओर से किसी जातीय समूह को उसकी भूमि से जबरन हटाने और कभी-कभी उसकी जगह किसी अन्य जनसांख्यिकीय समूह को वहां बसाने से है।
उन्होंने कहा, “समाधान की तलाश में हमें समस्या को और विकराल नहीं बनाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय कानून की आधारशिला के प्रति समर्पित रहना महत्वपूर्ण है। किसी भी तरह के जातीय सफाये से बचना जरूरी है।”
गुतारेस ने फलस्तीनी लोगों के अपरिहार्य अधिकारों के इस्तेमाल पर समिति के समक्ष अपनी टिप्पणी में दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन करता है।
उन्होंने कहा, “किसी भी टिकाऊ शांति के लिए दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में ठोस, अपरिवर्तनीय एवं स्थायी प्रगति के अलावा कब्जे की समाप्ति और एक ऐसे स्वतंत्र फलस्तीनी राज्य की स्थापना की आवश्यकता होगी, जिसका गाजा एक अभिन्न हिस्सा हो।”
संरा प्रमुख ने कहा, “इजराइल के पास एक व्यवहार्य एवं संप्रभु फलस्तीनी राज्य का शांतिपूर्ण तथा सुरक्षित अस्तित्व पश्चिम एशिया में स्थिरता के लिए एकमात्र स्थायी समाधान है।”
ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अप्रत्याशित ऐलान करते हुए कहा था कि अमेरिका “गाजा पट्टी पर अपना स्वामित्व कायम करेगा”, “इसे अपने अधीन लेगा”, फलस्तीनी निवासियों को स्थायी रूप से गाजा से बाहर कहीं और बसाएगा और वहां आर्थिक विकास करेगा, जिससे लोगों के लिए “बड़ी संख्या में रोजगार और आवास” उपलब्ध होंगे।
ट्रंप के इस प्रस्ताव का अमेरिका के सहयोगी देशों के साथ उनकी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने भी विरोध किया है।