राष्ट्रपति का अपमान करना कांग्रेस की परंपरा और उनके ‘राजनीतिक डीएनए’ में है: रविशंकर प्रसाद

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नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की एक हालिया टिप्पणी की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान करना कांग्रेस की परंपरा तथा उनके ‘राजनीतिक डीएनए’ में है।

उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी द्वारा लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए यह भी कहा कि संविधान बचाने की बात करने वालों को पहले राष्ट्रपति पद का सम्मान करना सीखना चाहिए।

राज्यसभा की सदस्य सोनिया गांधी ने गत 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ‘बेचारी’ अपने संबोधन के आखिर तक थक गईं थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं।

प्रसाद ने सोनिया गांधी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘राष्ट्रपति सर्वोच्च संवैधानिक पद पर हैं और संसद का हिस्सा हैं। हमारा नैतिक दायित्व है कि हम उनका सम्मान करें। राष्ट्रपति जी बहुत ही साधारण परिवार से निकलकर आगे बढ़ीं। पिछले दो वर्षों में वह गरिमा और शालीनता से राष्ट्रपति के पद को नई ऊंचाई दे रही हैं।’’

उनके मुताबिक, शायद पहली बार राष्ट्रपति भवन की तरफ से एक विज्ञप्ति जारी कर किसी बयान का खंडन किया गया है।

प्रसाद ने सोनिया गांधी की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, ‘‘मैं इस टिप्पणी की भर्त्सना करना चाहता हूं।’’

उन्होंने कहा कि प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के साथ क्या-क्या व्यवहार किया गया था, उसकी जानकारी दस्तावेजों में अंकित है।

प्रसाद के अनुसार, फखरूद्दीन अली अहमद और ज्ञानी जैल सिंह जैसे पूर्व राष्ट्रपति के साथ क्या व्यवहार किया गया, सबको पता है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘वर्तमान राष्ट्रपति जी के साथ जो किया गया है वो नई बात नहीं है, ये इनकी (कांग्रेस) परंपरा में है, यह इनका राजनीतिक डीएनए है। राष्ट्रपति का अपमान इनकी आदत और परंपरा है।’’

प्रसाद ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना का उल्लेख किया और कहा कि हादसे में षड्यंत्र की बू आ रही है तथा जब जांच की रिपोर्ट आएगी तो कुछ लोग शर्मिंदा हो जाएंगे।

भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय भारत पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों की सूची में शामिल था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में भारत की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत हुई तथा पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई।

उन्होंने विपक्षी दलों पर सनातन के अपमान का आरोप लगाया और कहा, ‘‘सनातन का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।’’

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