भारत की वृद्धि दर दिसंबर तिमाही में 6.2 प्रतिशत रही, पूरे वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

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नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में मुख्य रूप से विनिर्माण और खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण घटकर 6.2 प्रतिशत रह गई।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर, 2024 तिमाही में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।

चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रही थी।

इसके साथ ही, एनएसओ ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष के लिए देश की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने की बात कही है।

इसके पहले जनवरी, 2025 में जारी अपने पहले अग्रिम अनुमान में इसने चालू वित्त वर्ष के लिए 6.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था।

एनएसओ ने पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के लिए जीडीपी वृद्धि को भी संशोधित कर 9.2 प्रतिशत कर दिया। पहले यह आंकड़ा 8.2 प्रतिशत का था।

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