नयी दिल्ली/दावोस, सऊदी अरब की 63 अरब डॉलर की गीगा परियोजना ‘दिरियाह’ में निवेश करने में कई भारतीय कंपनियों ने गहरी रुचि दिखाई है। यह बात इसके मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जेरी इंजेरिलो ने कही।
दिरियाह को ‘पृथ्वी का शहर’ कहा जा रहा है। इसे सऊदी अरब की राजधानी रियाद के बाहरी इलाके में बनाया जा रहा है और इसमें एक लाख लोगों के लिए घर और एक लाख से अधिक लोगों के लिए कार्यालय स्थान होगा।
इस नए शहर में 40 से अधिक लक्जरी होटल, 1,000 से अधिक दुकानें, 150 से अधिक रेस्तरां और कैफे, एक विश्वविद्यालय, कला और सांस्कृतिक संपत्तियां, संग्रहालय, एक ओपेरा हाउस, 20,000 सीटों वाला बहुउद्देशीय कार्यक्रम स्थल, एक गोल्फ कोर्स और एक अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी और पोलो केंद्र सहित अन्य सुविधाएं शामिल होंगी।
इस 63.2 अरब डॉलर की रियल एस्टेट विकास और पर्यटन परियोजना का उद्देश्य आधुनिक सऊदी साम्राज्य के ऐतिहासिक जन्मस्थान को पुनर्स्थापित करना है और इस स्थल में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल अत-तुरैफ भी शामिल है।
इंजेरिलो ने पीटीआई-भाषा से कहा, “दिरियाह में हम सऊदी अरब के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक के रूप में भारत के प्रभाव को बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं। भारत, सऊदी से द्विपक्षीय व्यापार में शीर्ष स्थान पर है और 2022-23 में आपसी व्यापार लगभग 52.8 अरब डॉलर रहा है।”
उन्होंने दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक-2025 के मौके पर यह जानकारी दी थी।
इंजेरिलो ने कहा कि 3,000 से अधिक भारतीय कंपनियां पहले से ही सऊदी अरब में काम कर रही हैं, जो निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), ऊर्जा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में योगदान दे रही हैं, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी मजबूत हो रही है।