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नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) भारत और ब्रिटेन ने सोमवार को प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ता बहाल करने की घोषणा की। इससे अगले 10 वर्षों में दोनों देशों में द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 20 अरब डॉलर से दोगुना या तिगुना होने की उम्मीद है।
यह घोषणा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने यहां की।
बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, “आज भारत गणराज्य और ब्रिटेन ने दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत फिर से शुरू की है।”
दोनों पक्ष एक संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभकारी और प्रगतिशील समझौते की दिशा में वार्ता पुनः आरंभ करने पर सहमत हुए हैं, जिससे पारस्परिक वृद्धि हो सके और दोनों पूरक अर्थव्यवस्थाओं की ताकत बढ़े।
इसमें कहा गया है कि व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने से दोनों देशों के बीच व्यापार और उपभोक्ताओं के लिए अवसर खुलेंगे तथा पहले से ही गहरे संबंधों को और मजबूत किया जा सकेगा।
गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि यह समझौता ‘अग्रणी’ होगा और “हमारे मौजूदा 20 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को अगले 10 वर्षों में संभवतः दो या तीन गुना तक बढ़ाने के लिए बड़े अवसर प्रदान करेगा।”
वार्ता समाप्त करने की समय-सीमा के बारे में उन्होंने कहा कि एक अच्छे समझौते को समाप्त करने के लिए कभी भी ‘बहुत जल्दी’ या ‘बहुत देर’ नहीं होती है क्योंकि ये समझौते दीर्घकालिक भविष्य के लिए होते हैं।
गोयल ने कहा, “हमें भविष्य में 20-30-50 साल तक की दूरदृष्टि रखनी होगी और एक मजबूत समझौता करना होगा जो दोनों पक्षों के लिए जीत की स्थिति हो और इसलिए हमें किसी भी चीज में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, बल्कि हमेशा जल्दी से जल्दी निष्कर्ष निकालना चाहिए। इसलिए हमारे पास गति तो होगी लेकिन जल्दबाजी नहीं होगी”
रेनॉल्ड्स ने कहा कि यह ब्रिटेन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस तरह के समझौते दीर्घकालिक भविष्य के बारे में हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) के लिए बातचीत एफटीए के साथ ही पूरी हो जाएगी, गोयल ने कहा कि दोनों देश तीन अलग-अलग मोर्चों – एफटीए, द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) और दोहरे अंशदान कन्वेंशन समझौते पर सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “…और ये तीनों समानांतर और एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं।”
गोयल ने यह भी कहा कि आव्रजन कभी भी विश्व में कहीं भी व्यापार वार्ता का हिस्सा नहीं रहा है और भारत ने कभी भी एफटीए वार्ता में आव्रजन पर चर्चा नहीं की है।
इस पर रेनॉल्ड्स ने कहा कि ब्रिटेन ‘भारत से आने वाले लोगों के साथ हमारे महत्वपूर्ण संबंधों का स्वागत करता है, चाहे वे अध्ययन के लिए हों, या व्यवसाय का हिस्सा बनने के लिए और जाहिर है कि व्यवसाय की गतिशीलता आव्रजन से अलग मुद्दा है।’
गोयल ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में भारतीय छात्र शिक्षा के लिए यात्रा करते हैं।
भारत-ब्रिटेन एफटीए वार्ता 13 जनवरी, 2022 को शुरू हुई थी।
इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है।
ऐसे समझौतों में, दो देश अपने बीच व्यापार किए जाने वाले अधिकतम सामानों पर सीमा शुल्क को या तो समाप्त कर देते हैं या काफी कम कर देते हैं। वे सेवाओं और द्विपक्षीय निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के मानदंडों को भी आसान बनाते हैं।
भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 20.36 अरब डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 21.34 अरब डॉलर हो गया।