नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि युद्धकला तेजी से “नेटवर्कयुक्त, डिजिटल और अतिकुशल” होती जा रही है तथा भविष्य में युद्धों के परिणाम तय करने में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
यहां “भारत 2047 : युद्ध में आत्मनिर्भर” विषय पर चाणक्य संवाद सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि डेटा केंद्रित युद्ध में नेटवर्क सुरक्षा, बहुतायत, डेटा प्रवाह में विलंब और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग के साथ-साथ डेटा का भंडारण, संग्रह और विश्लेषण शामिल है।
रोबोटिक्स और स्वचालन के रुझानों का उल्लेख करते हुए जनरल चौहान ने उपस्थित लोगों को बताया कि इससे भविष्य में मनुष्यों और मशीनों के बीच तथा परस्पर मशीनों के बीच भी युद्ध की संभावना उत्पन्न होती है।
चौहान ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि युद्ध तेजी से डिजिटल, नेटवर्कयुक्त और अतिकुशल होते जा रहे हैं। इसलिए मुझे लगता है कि भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स और सुपरकंप्यूटिंग जैसी प्रौद्योगिकियां युद्ध के परिणाम तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।”
उन्होंने कहा, “भारतीय सशस्त्र बल वास्तव में डेटा-केंद्रित युद्ध या बुद्धिमान युद्ध की ओर बढ़ना चाहते हैं।”
थिएटर कमांड की अवधारणा को समझाते हुए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने इसे बल निर्माण को बल अनुप्रयोग से अलग करने का प्रयास बताया।
जनरल चौहान ने कहा, “अब तक ये दोनों जिम्मेदारियां सेना मुख्यालयों या सेना प्रमुखों के पास थीं। वे भर्ती, प्रशिक्षण, उपकरण अधिग्रहण और रखरखाव के अलावा अन्य कार्यों के लिए भी जिम्मेदार थे।”
उन्होंने कहा, “इसलिए बल सृजन और बल अनुप्रयोग एक जिम्मेदारी थी। अब हम इसे अलग करने का प्रयास कर रहे हैं। हम एक ऐसे थिएटर कमांडर को नामित करने का प्रयास कर रहे हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों से संचालित अभियान में सक्षम हो, अर्थात अंतरिक्ष और साइबर से समर्थन सहित सभी तीन डोमेन में।”