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अनाज आघात की संभावना को कम करता है
हाल ही में एक नवीनतम शोध के अनुसार अनाजों का सेवन आघात की संभावना को कम करता है। इस शोध में 1,21,000 महिलाओं पर एक अध्ययन किया गया। इनमें से 75000 महिलाओं को न तो कभी मधुमेह और न ही ह्नदय रोग हुआ था।
विशेषज्ञों ने इन महिलाओं की खाने की आदतों को जाना और पाया कि जो महिलाएं अनाजों का अधिक सेवन करती हैं, उन्हें अनाजों का न सेवन करने वाली महिलाओं की तुलना में 40 प्रतिशत कम मस्तिष्क आघात होने की संभावना पायी गयी। दुर्भाग्य से अधिकतर लोग रिफाइंड अनाज जैसे ब्रेड, पास्ता आदि का सेवन करते हैं जिससे उन्हें आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते इसलिए सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस, मैदे की जगह आटे का सेवन करें।
रजोनिवृत्त महिलाओं को थायराइड रोग की संभावना अधिक
नवीनतम शोधों से पता चला है कि रजोनिवृत्त महिलाओं को थायराइड रोग होने की संभावना अधिक हो जाती है।
रजोनिवृत्ति के पश्चात् महिलाओं में अक्सर कई प्रकार की समस्याओं के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे घबराहट, शरीर में दर्द, पसीना अधिक आना, थकान का अधिक अनुभव होना आदि। इन लक्षणों को आम समझते हुए इन पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता। ये लक्षण थाइराइड रोग के भी हो सकते हैं इसलिए ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करें ताकि रोग गंभीर न हो।
ओमेगा 3 फैटी एसिड स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद
नवीनतम शोधों के अनुसार मछली का सेवन आघात की संभावना को कम करता है। यह शोध 80,000 अमेरिकन महिलाओं पर किया गया जिनकी आयु 34-35 वर्ष थी। इस शोध के अनुसार जिन महिलाओं ने मछली का अधिक सेवन किया, उन्हें मछली का सेवन न करने वाली महिलाओं की तुलना में आघात के होने की संभावना 52 प्रतिशत कम पायी गयी। इस शोध के विशेषज्ञ डा. कैथरीन एम. रेक्सरोड का कहना है कि आघात की संभावना कम होने का कारण ओमेगा 3 फैटी अम्लों द्वारा रक्त के थक्कों को बनाने से रोकना है। आघात होने का 80 प्रतिशत कारण ये थक्के ही हैं।
सब्जियों की चमक आपको बीमारी भी दे सकती है
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार आजकल सब्जियों में चमक लाने के लिए बहुत से रसायनों व कीटनाशक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। खासकर फूलगोभी को खरीदते समय तो विशेष सावधानी की जरूरत है। प्रायः फूलगोभी खरीदते समय ध्यान में रखा जाता है कि वह जितनी सफेद होगी, उतनी ही ताजी व अच्छी, पर एकदम सफेद फूलगोभी स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गोभी के पीलेपन को हटाने के लिए रोगोर नामक कीटनाशक के घोल में फूलगोभी को रखा जाता है जिससे गोभी में चमक आ जाती है। इस दवा के प्रयोग के बाद कम से कम तीन दिन तक फूलगोभी को प्रयोग में नहीं लाना चाहिए पर सब्जी व्यापारी तीन दिन का इंतजार नहीं करते और उपभोक्ता को तो इस बात की जानकारी ही नहीं होती और वह चमकदार व साफ-सुथरी गोभी खरीद लेता है।
इस गोभी के सेवन के उपरांत वह सिरदर्द, अंधापन, बांझपन, दमा आदि बीमारियों का शिकार बन सकता है। इसलिए ऐसी फूलगोभी खरीदने का प्रयास करें जो थोड़ा पीलापन लिए हुए हो।
कैंसर को आमंत्रित करती है गलत जीवनशैली व खान-पान
विशेषज्ञों के अनुसार अधिकतर लोग गलत खान-पान व गलत जीवनशैली के कारण कैंसर जैसे महारोग को आमंत्रित करते हैं। आज अधिकतर लोग इस बात को जानते हैं कि तम्बाकू का सेवन कई प्रकार के कैंसर की संभावना को बढ़ाता है पर फिर भी सिगरेट, बीड़ी पीने वालों की संख्या में वृद्धि ही होती जा रही है। अल्कोहल के सेवन में भी पिछले कई वर्षों में बढ़ोत्तरी ही पायी गयी है। कैंसर से बचाव के लिए विशेषज्ञ फलों, सब्जियों व रेशायुक्त भोजन पर जोर देते रहे हैं क्योंकि फल व सब्जियां विटामिन ए और सी की अच्छी स्रोत हैं और नवीनतम शोधों से यह सामने आया है कि इनका सेवन कैंसर की संभावना को कम करता है पर फिर भी अधिक वसायुक्त भोजन लोगों की पसंद बना हुआ है। कैंसर ही नहीं बल्कि कई अन्य गंभीर रोगों से बचाव के लिए सही खान-पान व सही जीवन शैली अपनाना बहुत जरूरी है।
स्फूर्तिवान रहने के लिए करें थोड़ा आराम
अमेरिका में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक शोध से यह सामने आया है कि जो लोग दोपहर में 15-20 मिनट झपकी लेने के पश्चात् काम करते हैं, उनमें अधिक स्फूर्ति होती है। चुस्त होने के कारण व्यक्ति गलतियां भी कम करता है और सभी काम चुस्ती से कर लेता है जबकि जो लोग बिना झपकी लिए काम करते हैं वे कम स्फूर्तिवान पाए गए। इस शोध से पूर्व इस बात को भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में भी माना गया है कि दोपहर के भोजन के बाद एक झपकी लेने से व्यक्ति अधिक स्फूर्तिवान रहता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कुछ देर का आराम व्यक्ति की थकावट को दूर कर देता है और व्यक्ति चुस्त महसूस करता है।
विशेषज्ञों ने इन महिलाओं की खाने की आदतों को जाना और पाया कि जो महिलाएं अनाजों का अधिक सेवन करती हैं, उन्हें अनाजों का न सेवन करने वाली महिलाओं की तुलना में 40 प्रतिशत कम मस्तिष्क आघात होने की संभावना पायी गयी। दुर्भाग्य से अधिकतर लोग रिफाइंड अनाज जैसे ब्रेड, पास्ता आदि का सेवन करते हैं जिससे उन्हें आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते इसलिए सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस, मैदे की जगह आटे का सेवन करें।
रजोनिवृत्त महिलाओं को थायराइड रोग की संभावना अधिक
नवीनतम शोधों से पता चला है कि रजोनिवृत्त महिलाओं को थायराइड रोग होने की संभावना अधिक हो जाती है।
रजोनिवृत्ति के पश्चात् महिलाओं में अक्सर कई प्रकार की समस्याओं के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे घबराहट, शरीर में दर्द, पसीना अधिक आना, थकान का अधिक अनुभव होना आदि। इन लक्षणों को आम समझते हुए इन पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता। ये लक्षण थाइराइड रोग के भी हो सकते हैं इसलिए ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करें ताकि रोग गंभीर न हो।
ओमेगा 3 फैटी एसिड स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद
नवीनतम शोधों के अनुसार मछली का सेवन आघात की संभावना को कम करता है। यह शोध 80,000 अमेरिकन महिलाओं पर किया गया जिनकी आयु 34-35 वर्ष थी। इस शोध के अनुसार जिन महिलाओं ने मछली का अधिक सेवन किया, उन्हें मछली का सेवन न करने वाली महिलाओं की तुलना में आघात के होने की संभावना 52 प्रतिशत कम पायी गयी। इस शोध के विशेषज्ञ डा. कैथरीन एम. रेक्सरोड का कहना है कि आघात की संभावना कम होने का कारण ओमेगा 3 फैटी अम्लों द्वारा रक्त के थक्कों को बनाने से रोकना है। आघात होने का 80 प्रतिशत कारण ये थक्के ही हैं।
सब्जियों की चमक आपको बीमारी भी दे सकती है
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार आजकल सब्जियों में चमक लाने के लिए बहुत से रसायनों व कीटनाशक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। खासकर फूलगोभी को खरीदते समय तो विशेष सावधानी की जरूरत है। प्रायः फूलगोभी खरीदते समय ध्यान में रखा जाता है कि वह जितनी सफेद होगी, उतनी ही ताजी व अच्छी, पर एकदम सफेद फूलगोभी स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गोभी के पीलेपन को हटाने के लिए रोगोर नामक कीटनाशक के घोल में फूलगोभी को रखा जाता है जिससे गोभी में चमक आ जाती है। इस दवा के प्रयोग के बाद कम से कम तीन दिन तक फूलगोभी को प्रयोग में नहीं लाना चाहिए पर सब्जी व्यापारी तीन दिन का इंतजार नहीं करते और उपभोक्ता को तो इस बात की जानकारी ही नहीं होती और वह चमकदार व साफ-सुथरी गोभी खरीद लेता है।
इस गोभी के सेवन के उपरांत वह सिरदर्द, अंधापन, बांझपन, दमा आदि बीमारियों का शिकार बन सकता है। इसलिए ऐसी फूलगोभी खरीदने का प्रयास करें जो थोड़ा पीलापन लिए हुए हो।
कैंसर को आमंत्रित करती है गलत जीवनशैली व खान-पान
विशेषज्ञों के अनुसार अधिकतर लोग गलत खान-पान व गलत जीवनशैली के कारण कैंसर जैसे महारोग को आमंत्रित करते हैं। आज अधिकतर लोग इस बात को जानते हैं कि तम्बाकू का सेवन कई प्रकार के कैंसर की संभावना को बढ़ाता है पर फिर भी सिगरेट, बीड़ी पीने वालों की संख्या में वृद्धि ही होती जा रही है। अल्कोहल के सेवन में भी पिछले कई वर्षों में बढ़ोत्तरी ही पायी गयी है। कैंसर से बचाव के लिए विशेषज्ञ फलों, सब्जियों व रेशायुक्त भोजन पर जोर देते रहे हैं क्योंकि फल व सब्जियां विटामिन ए और सी की अच्छी स्रोत हैं और नवीनतम शोधों से यह सामने आया है कि इनका सेवन कैंसर की संभावना को कम करता है पर फिर भी अधिक वसायुक्त भोजन लोगों की पसंद बना हुआ है। कैंसर ही नहीं बल्कि कई अन्य गंभीर रोगों से बचाव के लिए सही खान-पान व सही जीवन शैली अपनाना बहुत जरूरी है।
स्फूर्तिवान रहने के लिए करें थोड़ा आराम
अमेरिका में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक शोध से यह सामने आया है कि जो लोग दोपहर में 15-20 मिनट झपकी लेने के पश्चात् काम करते हैं, उनमें अधिक स्फूर्ति होती है। चुस्त होने के कारण व्यक्ति गलतियां भी कम करता है और सभी काम चुस्ती से कर लेता है जबकि जो लोग बिना झपकी लिए काम करते हैं वे कम स्फूर्तिवान पाए गए। इस शोध से पूर्व इस बात को भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में भी माना गया है कि दोपहर के भोजन के बाद एक झपकी लेने से व्यक्ति अधिक स्फूर्तिवान रहता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कुछ देर का आराम व्यक्ति की थकावट को दूर कर देता है और व्यक्ति चुस्त महसूस करता है।