सेहत के लिये लाभकारी – हरी सब्जियां

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जिस प्रकार मनुष्य को जीवित रहने के लिए हवा पानी दोनों की आवश्यकता होती है उसी प्रकार शरीर को स्वस्थ बनाये रखने के लिए विटामिन, प्रोटीन, खनिज लवण, कार्बोहाइडेªट की आवश्यकता होती है जिसे हम सूखे मेवों, फलों व हरी सब्जियों से प्राप्त कर सकते हैं।
मेवा तथा फल हर व्यक्ति नहीं खरीद सकता लेकिन हरी सब्जी खरीदना कोई मुश्किल बात नहीं। गर्मी के मौसम में हरी सब्जी महंगी अवश्य मिलती है लेकिन सर्दी के मौसम में हरी सब्जियां अधिक मात्रा में कम कीमत में मिलती हैं।
हरी सब्जियों का प्रयोग जहाँ शरीर को स्वस्थ बनाये रखता है वहीं कच्चे रूप में हरी सब्जी खाने से दांतों को मजबूती मिलती है। हरी सब्जी का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा सकता है।
पालक में विटामिन ’ए‘ पर्याप्त मात्रा में मिलता है। आयरन की मात्रा भी इसमें पायी जाती है। आँखों की कमजोरी तथा बाल झड़ना इत्यादि रोगों में पालक का सेवन लाभकारी है। पालक के पानी से बाल धोने से बाल झड़ने कम होते हैं। कच्ची पालक के पत्ते धोकर साफ कर के जीरे के साथ चबाने से बाल लंबे होते हैं।
मेथी का सेवन गठिया के रोगी के लिए काफी लाभकारी है। आँखों की रोशनी बढ़ती है। इसमें विटामिन ’ए‘ की मात्रा अधिक होती है। शरीर के दर्द में भी मेथी का सेवन लाभकारी है।
लौकी, तोरई के भोजन में नियमित प्रयोग से भोजन जल्दी पचता है, पेट साफ रहता है व सभी विटामिन मिलते हैं। रोगी व्यक्ति को भी लौकी तोरई खाने को दी जाती है। लौकी के छिलके से चेहरा साफ करने से चेहरे की गंदगी दूर होती हे। त्वचा के रोम छिद्र खुल जाते हैं। लौकी के छिलके पीसकर पानी में मिलाकर पीने से दस्तों में लाभ मिलता है।
पुदीना व हरा धनिया में विटामिन ’ए‘ की मात्रा अधिक होती है।
पुदीना का अर्क उल्टी/दस्त होने पर सेवन करने से लाभ मिलता है। पुदीने की भाप लेने से जुकाम में फायदा मिलता है। जुकाम पुराना पड़ गया हो तो पुदीना व नींबू का रस दोनों को मिलाकर उबालें व उस पानी की भाप लें। थोड़े दिन इसके प्रयोग से जुकाम से राहत मिलेगी। पुदीने के पानी से नहाने पर चर्म रोग दूर होंगे।
पुदीने को पीस कर उसमें तुलसी को भी पीस कर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर लगायें। मुंहासे दूर होंगे। हरा धनिया का पेस्ट लगाने से चेहरे के काले धब्बे दूर होते हैं।
मूली सलाद के रूप में खाने से दाँत मजबूत होते हैं। मूली के पत्तों में विटामिन ’ए‘ की मात्रा पर्याप्त मात्रा में मिलती है। मूली का रस पीलिया वाले रोगी के लिए लाभकारी है। मूली में नींबू का रस मिला कर लेने से पेट साफ होता है व आलस्य दूर होता है। यह शरीर को शक्ति प्रदान करता है।
गाजर में सभी विटामिन व बीटा कैरोटिन अधिक मिलता है। गाजर दिमागी शक्ति बढ़ाती है तथा आँखों की कमजोरी दूर करती है। दस्त पेचिश, अल्सर में भी गाजर का सेवन लाभकारी है। गाजर का रस निकालकर, कमजोर बच्चों को दें। मसूड़ों का रक्तस्राव दूर होता है व पेट के कीड़े दूर होते हैं। टाँसिल में लाभ मिलता है। मानसिक शक्ति बढ़ती है।
सभी हरी सब्जियों में विटामिन ’ए‘ की मात्रा अधिक पायी जाती है। इनमें आयरन, फास्फोरस, बीटा केरोटिन भी होता है। इसलिये बच्चों बड़ों सभी को हरी सब्जी पर्याप्त रूप से लेनी चाहिए ताकि वे स्वस्थ व निरोग रह सकें।
बड़े तो हरी सब्जी खा लेते हैं लेकिन बच्चे हरी सब्जी खाने में रूचि नहीं रखते। बच्चों हेतु आलू के परांठे बनाकर दें। अगर बच्चे सूप या चटनी अधिक खाते हों तो हरी सब्जी उबाल कर टमाटर मिला कर बच्चों को चटनी के रूप में भी दे सकती हैं।
आप का कर्तव्य है बच्चों को हरी सब्जी खिलायें। बच्चे जिस रूप में पसंद करें उसी रूप में ही बनाकर दें जिससे आपके बच्चे स्वस्थ व निरोग रह सकें।

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