हथियारों के लिए एआई का इस्तेमाल न करने के अपने वादे से मुकरा गूगल
Focus News 11 February 2025 0![2858](https://focusnews.co.in/wp-content/uploads/2025/02/2858.webp)
मेलबर्न, गूगल ने हथियारों या निगरानी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक का उपयोग नहीं करने की अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता से पिछले सप्ताह चुपचाप हाथ पीछे खींच लिया।
गूगल ने पहली बार 2018 में प्रकाशित अपने एआई सिद्धांतों का नया स्वरूप जारी करते हुए उन बयानों को हटा दिया जिनमें निम्नलिखित का अनुसरण न करने का वादा किया गया था:—
ऐसी प्रौद्योगिकियां जो समग्र रूप से नुकसान पहुंचाती हैं या पहुंचाने की आशंका रखती हैं, हथियार या अन्य प्रौद्योगिकियां जिनका मुख्य उद्देश्य या कार्यान्वयन लोगों को सीधे तौर पर चोट पहुंचाना या उन्हें सुविधाजनक बनाना है।
ऐसी प्रौद्योगिकियां जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों का उल्लंघन करते हुए निगरानी के लिए जानकारी एकत्र करती हैं या उसका उपयोग करती हैं।
ऐसी प्रौद्योगिकियां जिनका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के व्यापक रूप से स्वीकृत सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
गूगल के एआई सिद्धांतों का यह नया स्वरूप अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकारी आदेश को रद्द करने के बाद आया है, जिसका उद्देश्य एआई के सुरक्षित, संरक्षित और भरोसेमंद उपयोग तथा विकास को बढ़ावा देना था।
गूगल का यह निर्णय हाल ही में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में प्रवेश करने तथा एआई के अधिक सैन्य अनुप्रयोगों को समायोजित करने के चलन के बाद आया है। तो ऐसा अभी क्यों हो रहा है?
और एआई के अधिक सैन्य उपयोग का क्या प्रभाव होगा?—
सैन्यकृत एआई का बढ़ता चलन—
सितंबर में बाइडन सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने ओपनएआई जैसी अग्रणी एआई कंपनियों के प्रमुखों के साथ एआई विकास पर चर्चा की थी।
इसके बाद सरकार ने आर्थिक, राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरणीय लक्ष्यों पर विचार करते हुए डेटा सेंटरों के विकास में समन्वय स्थापित करने के लिए एक कार्यबल की घोषणा की। इसके बाद अगले महीने बाइडन सरकार ने एक ज्ञापन प्रकाशित किया, जिसमें आंशिक रूप से “राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एआई का उपयोग” करने की बात कही गई थी।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने तुरंत इस संदेश पर ध्यान दिया—
नवंबर 2024 में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मेटा ने घोषणा की कि वह अपने “लामा” एआई मॉडल को सरकारी एजेंसियों तथा रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी निजी कंपनियों के लिए उपलब्ध कराएगी।
यह मेटा की अपनी नीति के बावजूद था जो लामा के उपयोग को “सैन्य, युद्ध, परमाणु उद्योग या अनुप्रयोगों” के लिए प्रतिबंधित करती है।”
लगभग उसी समय, एआई कंपनी एंथ्रोपिक ने भी घोषणा की कि वह अमेरिकी खुफिया और रक्षा एजेंसियों को अपने एआई मॉडल तक पहुंच प्रदान करने के लिए डेटा एनालिटिक्स फर्म पैलंटिर और अमेजन वेब सर्विसेज के साथ मिलकर काम कर रही है।
अगले महीने, ओपनएआई ने घोषणा की कि उसने अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए एआई विकसित करने हेतु रक्षा स्टार्टअप एन्दुरिल इंडस्ट्रीज के साथ साझेदारी की है।
कंपनियों का दावा है कि वे ड्रोन हमलों के खिलाफ अमेरिकी सेना की सुरक्षा में सुधार के लिए ओपनएआई के जीपीटी-40 और ओ1 मॉडल को एन्दुरिल के सिस्टम और सॉफ्टवेयर के साथ संयोजित करेंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा को महत्व देना—
तीनों कंपनियों ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के आधार पर अपनी नीतियों में किये गये परिवर्तनों का बचाव किया।
गूगल का उदाहरण लें। इस महीने की शुरुआत में प्रकाशित एक ब्लॉग पोस्ट में, कंपनी ने वैश्विक एआई प्रतिस्पर्धा, जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को अपने एआई सिद्धांतों को बदलने के कारणों के रूप में उद्धृत किया।
अक्टूबर 2022 में अमेरिका ने निर्यात नियंत्रण जारी किया, जिसके तहत एआई अनुसंधान के लिए उपयोग किए जाने वाले विशेष प्रकार के उच्च-स्तरीय कंप्यूटर चिप्स तक चीन की पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया गया।
इसके जवाब में चीन ने उच्च तकनीक धातुओं पर अपने स्वयं के निर्यात नियंत्रण उपाय जारी किए, जो एआई चिप उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हैं।
हाल के सप्ताहों में इस व्यापार युद्ध से उत्पन्न तनाव चीनी प्रौद्योगिकी कंपनी डीपसीक द्वारा अत्यधिक कुशल एआई मॉडल जारी किए जाने के कारण बढ़ गया।