नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत और भूटान के बीच सभी स्तरों पर विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ पर आधारित मित्रता और सहयोग के “अनुकरणीय संबंध” हैं, तथा प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे की यात्रा दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा के अनुरूप है।
तोबगे ने ‘स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप’ (एसओयूएल) के पहले नेतृत्व सम्मेलन में भाग लेने के लिए 20 से 21 फरवरी तक भारत की आधिकारिक यात्रा की, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यात्रा के दौरान तोबगे ने मोदी के साथ बैठक की।
इसमें कहा गया कि रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू, विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा और भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भूटान के प्रधानमंत्री से उनकी यात्रा के दौरान मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत और भूटान के बीच सभी स्तरों पर विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ पर आधारित मित्रता और सहयोग के अनुकरणीय संबंध हैं।”
इसमें कहा गया है, “भूटान के प्रधानमंत्री की यह यात्रा भारत और भूटान के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा के अनुरूप है, जो विशेष साझेदारी की एक पहचान है।”
भूटानी प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को यहां एसओयूएल सम्मेलन में अपने मुख्य भाषण में मोदी को अपना “बड़ा भाई” और “मार्गदर्शक” बताया तथा पड़ोसी देश में सार्वजनिक सेवा में बदलाव लाने में योगदान देने के लिए उनका मार्गदर्शन मांगा।
तोबगे ने हिंदी का भरपूर प्रयोग किया जिस पर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाईं।
उन्होंने कहा, “निसंदेह, आप में एक बड़े भाई की छवि देखता हूं, जो सदैव मेरा मार्गदर्शन करते हैं और मुझे सहायता देते हैं।”
तोबगे ने एसओयूएल पहल को “मोदी की परिकल्पना” बताया और कहा कि यह प्रामाणिक नेताओं को विकसित करने और उन्हें भारत के महान गणराज्य की सेवा करने के लिए सशक्त बनाने की उनकी अटूट प्रतिबद्धता का एक और प्रमाण है।