नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) अगले सप्ताह संसद में पेश किए जाने वाले नए आयकर विधेयक में लंबे वाक्य, प्रावधान और स्पष्टीकरण नहीं होंगे। वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
नया आयकर विधेयक छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेने के लिए तैयार किया गया है। नए विधेयक पर शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा होने की संभावना है।
नए विधेयक की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में की थी। इस विधेयक में 2025-26 के बजट में आयकर दरों, स्लैब और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) संबंधी प्रावधानों में किए गए बदलावों को भी शामिल किया जाएगा।
पांडेय ने यहां उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर्स के एक कार्यक्रम में कहा, “जब आप अगले सप्ताह नया आयकर विधेयक देखेंगे, तो आपको एक बहुत ही अलग विधेयक दिखाई देगा। हम जिस तरह से कानून लिखते हैं, उसमें बदलाव हो रहा है। आपको लंबे वाक्य बहुत कम देखने को मिलेंगे, शायद आपको प्रावधान, स्पष्टीकरण देखने को ही न मिलें।”
उन्होंने कहा कि नए आयकर विधेयक में किसी भी तरह का कोई नया कर या कोई नया बोझ नहीं डाला जाएगा।
पांडेय ने कहा, “हम नीति में बहुत बड़ा बदलाव भी नहीं कर रहे हैं। हम कोई अस्थिरता वाली स्थिति नहीं पैदा करना चाहते। नया कानून सरल होगा।”
वित्त सचिव ने कहा, “कानून केवल कानूनी पेशेवरों के ही लिए नहीं होते हैं। इसे नागरिकों को भी समझ में आना चाहिए।”
नया आयकर विधेयक छह महीने के भीतर तैयार किया गया है और करदाताओं को समझने में मदद करने के लिए कानून की भाषा को सरल बनाने का प्रयास किया गया है।
इसके साथ ही नए कानून को संक्षिप्त बनाया गया है, पुराने प्रावधानों को हटाकर इसे कम बोझिल बनाया गया है।