सोमवार को उलझन न बनने दें

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आम लोगों के लिए तो सोमवार कोई उलझन नहीं होती। उन्हें पता है कि अपने और परिवार के लिए कमाएंगे तो गाड़ी आगे बढ़ेगी पर दूसरी ओर प्रोफेशनल्स की मीटिंग्स, टीम वर्क करवाना, टीम को प्रोत्साहित करनाए प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करवाना और नए प्रोजेक्ट को समझकर शुरू करना बड़ी उलझन होती है।
एक सर्वेक्षण के अनुसार बहुत से कामकाजी लोग सोमवार को लेकर टेंशन में देखे जाते हैं जिसके कारण निराशा और अवसाद से भरे और आलसी रहते हैं। नतीजन काम करने में मन नहीं लगता। पूरा सप्ताह इसका प्रभाव बना रहता है। एक और सर्वे के अनुसार सोमवार की सुस्ती का कारण है रविवार का दिन आपका कैसा रहा। अधिक व्यस्तता भरा, अधिक शारीरिक थकान वाला, अधिक मानसिक थकान भरा या किसी समारोह में सम्मिलित हुए हैं आप। इस प्रकार की समस्या स्थाई नहीं है।
अगर यह समस्या कई सोमवार से हो रही है तो हमें सोचना चाहिए कि कहीं हम आफिस वातावरण से, काम से, बॉस से या क्लीग्स से परेशान तो नहीं। अगर ऐसा है तो अपना सीवी किसी नई कंपनी में भिजवाएं और नई नौकरी ढूंढना प्रारंभ करें।
अपने काम से करें प्यार:-
अगर आप अपने काम से प्यार करते हैं और काम आपकी पसंद का है और पैसे भी ठीक मिलते हैं तो छोटी छोटी बातों को नजरअंदाज कर मन को समझाएं कि सब कुछ अच्छा नहीं मिलता। इस प्रकार सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखें और मन को ऊर्जा से भरें और सोमवार की प्रातः आफिस जाने के लिए तैयार रहें।
बनाएं योजना शुक्रवार से ही:-
शुक्रवार की दोपहर से अपने सप्ताह भर के कामों का हिसाब बनाएं कि कोई महत्त्वपूर्ण काम अगले सप्ताह के लिए छूट तो नहीं गया। प्रयास कर सभी महत्त्वपूर्ण काम प्राथमिकता के अनुसार सप्ताह के पहले तीन दिन में निपटा लें। बाकी के दो दिन बाकी बचे कामों को निपटाएं ताकि सोमवार तक कुछ भी कैरिड ओवर न बचे।
बनाएं सोमवार के लिए योजना:-
अगर पिछले सप्ताह का काम आपका पूरा है तो वैसे ही तनाव कम होगा। रविवार को ही सोच लें कि मुझे सोमवार को एक अच्छा काम करना है आफिस में, जैसे अपने टीम के लोगों को चाय-काफी या ठंडा पिलाना है, टीम सदस्यों को हंसते हुए मदद करनी है। ऐसे विचार भी आपको उत्साहित करेंगे और मन भी खुश रहेगा। वर्क प्लेस में सोमवार को सबसे ऊर्जावान दिवस के रूप में देखंे। नजरिए में बदलाव आपको अधिक ऊर्जावान बनाएगा।
पूछे स्वयं से:-
बहुत से लोगों को सोमवार काम करने का डर रविवार दोपहर के बाद से सताने लगता है और इच्छा होती है काश सोमवार को आफिस न जाना पड़े। मन से पूछें, इस प्रकार कब तक आप स्वयं को बचा पाएंगे। काम से उस दिन तो आप बच जाएंगे पर अगले दिन भी जाएंगे तो काम तो निपटाना है। जिम्मेदारी तो निभानी है। घर रहकर सोकर,टीवी देखकर ही तो दिन व्यतीत करेंगे। अच्छा होगा जिम्मेदारी समझते हुए आफिस नई ऊर्जा और इच्छा शक्ति से जाएं।
कार्यस्थल पर बना कर रखें दोस्त:-
वीकेंड के बाद आफिस जाने का यह भी कारण होना चाहिए कि आप दो दिन बाद अपने दोस्तों से मिलेंगे। उनके साथ लंच करना, चाय कॉफी पीना अच्छा लगेगा। बातें होगी, चर्चा होगी, कुछ सीखने को मिलेगा। आफिस में ऐसे दोस्त अवश्य बनाएं जिनके साथ बात करना, कैंटीन जाना, अच्छा लगे।
रविवार की शाम घर पर रहें:-
अगर कोई पार्टी घर पर रखनी हो तो प्रयास कर फ्राइडे ईवनिंग या शनिवार दिन या शाम की रखें ताकि रविवार  को आप अपना घर समेट सकें और मानसिक रूप से फ्री रहकर सोमवार के लिए पुनः काम पर जाने के लिए स्वयं को तैयार करें। कहीं बाहर भी जाना पड़े तो रविवार दोपहर तक अपने घर को वापिस आ जाएं ताकि सोमवार के लिए स्वयं को तैयार किया जा सके। 

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