राज्यसभा सदस्यों के भाषण खत्म करने के तुरंत बाद सदन छोड़ने पर फैसला सुनाएंगे धनखड़

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नयी दिल्ली,  राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि वह सदन में सदस्यों के भाषण देने और फिर दूसरों की बात सुने बिना और ‘पीठ दिखाकर’ चले जाने के आचरण पर इस सत्र में अपना फैसला देंगे।

उन्होंने यह बात तब कही जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्य घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि एक सदस्य संसद में अपना भाषण देने के तुरंत बाद सदन से चले गए।

इससे पहले, निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल ने केंद्रीय बजट पर उच्च सदन में हुई चर्चा में हिस्सा लिया था।

सभापति ने कहा कि संसद का लंबा अनुभव रखने वाले घनश्याम तिवाड़ी ने सवाल उठाया है कि क्या कोई सदस्य अपना भाषण देने के तुरंत बाद सदन छोड़ सकता है।

उन्होंने कहा, “यह भी सवाल है कि क्या किसी को केवल भाषण देने के लिए संसद आना है…।”

उन्होंने कहा कि मर्यादापूर्ण आचरण का आधार दूसरों को सुनना और स्वयं को व्यक्त करना है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था तभी आगे बढ़ सकती है जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हो और उस पर अंकुश न लगे।

धनखड़ ने आगे कहा, “सदस्यों को सदन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, जिस पर कोई भी बाहर सवाल नहीं उठा सकता है। ऐसा अधिकार मिलने के बाद अगर कोई दूसरों की बात नहीं सुनता है और अपने भाषण के बाद निकल जाता है… यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। मैं इस मुद्दे पर अपना फैसला इसी सत्र में सुनाऊंगा।”

इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सिब्बल के भाषण की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें सदन में अत्यधिक समय देना चाहिए।

 

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