उप्र में 12,325 बसें संचालित हो रहीं, गांवों को जोड़ने के लिए 1540 मार्गों का निर्धारण: दयाशंकर सिंह
Focus News 28 February 2025 0
लखनऊ, 28 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि वर्तमान में परिवहन निगम द्वारा राज्य में 12,325 बसें संचालित की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के असेवित (बस सेवा से पृथक) गांवों को (जोड़ने के लिए) सेवित किए जाने (बस सेवा से जोड़ने) के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 1540 मार्गों का नवीन निर्धारण किया गया है।
विधानमंडल के बजट सत्र के सातवें दिन विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मंत्री सिंह सवालों का जवाब दे रहे थे।
आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अखिलेश के प्रश्न के उत्तर में दया शंकर सिंह ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम स्वामित्व की 9,373 बसें एवं 2,952 निजी क्षेत्र की अनुबंधित बसों को मिलाकर कुल 12325 बसें राज्य में संचालित हैं। उन्होंने बताया कि ये बसें उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र से ब्लॉक तहसील एवं जिलों को जोड़ते हुए बेहतर परिवहन सुविधा प्रदान कर रही हैं।
सिंह ने बताया कि इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के असेवित गांवों को सेवित किए जाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 1540 मार्गो का नवीन निर्धारण किया गया है। इससे 28 हजार गांव जुड़ेंगे।
इसके पहले समाजवादी पार्टी के ही सदस्य पंकज मलिक के प्रश्न के उत्तर में सिंह ने सदन को बताया कि प्रदेश में खराब जर्जर रोडवेज बसों के स्थान पर नयी बसें संचालित करने की योजना है और जो अयोग्य बसें हैं और नीलामी की अन्य शर्तें पूर्ण करती हैं तो उन्हें बस बेड़े से पृथक करके नीलाम किया जाता है। नीलाम की जाने वाली बसों के प्रतिस्थापन के लिए अंश पूंजी से वर्ष 2023-2024 और 2024-25 में विभिन्न श्रेणी की कुल 6138 बसें खरीदी गई हैं।
मलिक ने पूरक प्रश्न के दौरान यह पूछा कि एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में कितनी बसें ऐसी हैं, जो 10 वर्ष से पुरानी है और पूरे प्रदेश में 15 वर्ष से पुरानी बसें हैं। इसके जवाब में सिंह ने कहा कि एनसीआर में कोई ऐसी बस नहीं है जो 10 साल से पुरानी हो और 11 लाख किलोमीटर से ज्यादा चली हो।
उन्होंने कहा कि 6138 नयी बसों की खरीद परिवहन के अब तक के इतिहास में सबसे बड़ी खरीद है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में तीन हजार नयी बसें आयीं और उसका भी आवंटन करने जा रहे हैं।
सिंह ने बताया कि 10 वर्ष या 11 लाख किलोमीटर चलने पर बसों को बदल दिया जाता है, लेकिन बसों की मरम्मत के बाद 15 साल तक भी चलाते हैं। मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री ने बजट में परिवहन पर विशेष कृपा की है और ग्रामीण क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बसों को चलाने जा रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि आने वाले दिनों में ‘अटल इलेक्ट्रिक सिटी बसें’ चलाने जा रहे हैं जो दो शहरों को जोड़ेंगीं।
वरिष्ठ सदस्य विनोद चतुर्वेदी के एक प्रश्न के उत्तर में परिवहन मंत्री ने कहा कि जनवरी 2025 में औसतन 700 बसें चालक-परिचालक के अभाव में असंचालित रही हैं, जिससे परिवहन विभाग को कुल आठ लाख आठ सौ रुपये की कम आमदनी हुई।
सपा सदस्य पल्लवी पटेल के प्रश्न के उत्तर में दया शंकर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में 12 वर्ष चल चुकी 219 बसें एवं 12 लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकीं 2315 बसें संचालित की जा रही हैं।