दिल्ली चुनाव: शिवकुमार ने कहा कि उन्हें ‘एग्जिट पोल’ पर भरोसा नहीं

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बेंगलुरु, छह फरवरी (भाषा) दिल्ली विधानसभा चुनाव में कई ‘एग्जिट पोल’ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत का अनुमान जताये जाने के बीच, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इनमें विश्वास नहीं करते और मतदाताओं के फैसले का इंतजार करेंगे।

बुधवार को जारी किये गए कई ‘एग्जिट पोल’ (चुनाव के बाद सर्वेक्षण) के नतीजों में दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी(आप) पर भाजपा की जीत का अनुमान जताया गया है। वहीं, ‘एग्जिट पोल’ में कांग्रेस को पिछले चुनाव के मुकाबले कोई खास बढ़त नहीं मिलने का अनुमान जताया गया है।

वहीं, दो ‘एग्जिट पोल’ में आप की जीत का अनुमान जताया गया है और कई सर्वेक्षणों में दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला और भाजपा को बढ़त मिलता दिख रहा है।

शिवकुमार ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं ‘एग्जिट पोल’ पर विश्वास नहीं करता। हमें मतदाताओं के फैसले का इंतजार करना चाहिए।’’

दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए बुधवार को मतदान हुआ, जबकि मतगणना आठ फरवरी को होगी।

शिवकुमार दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारकों में से एक थे।

चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से शिवकुमार ने ‘प्यारी दीदी योजना’ की घोषणा की थी, जिसमें दिल्ली में पार्टी के सत्ता में आने पर महिलाओं को 2,500 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता देने का वादा किया गया था।

बेंगलुरु के लिए दूसरे हवाई अड्डे की योजना के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में शिवकुमार ने कहा कि तकनीकी आवश्यकताओं के आधार पर इसके लिए स्थान को अंतिम रूप दिया जाएगा। शिवकुमार बेंगलुरु विकास के प्रभारी भी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हवाई अड्डा कहां बनना चाहिए, चाहे वह बिदादी में हो या नेलमंगला या तुमकुरु या किसी अन्य स्थान पर, हम तय नहीं कर सकते। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण और बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच एक समझौता है कि कुछ वर्षों तक कोई भी हवाई अड्डा आस-पास नहीं बनना चाहिए। वे चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे।’’

उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार के संबंधित विभाग बुनियादी ढांचे के मंत्री एम. बी. पाटिल के नेतृत्व में व्यवहार्यता पर विचार कर रहे हैं।

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वे मुझसे और मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। फिर दिल्ली (केंद्र) से मंजूरी लेकर हम दूसरे हवाई अड्डे के लिए स्थान तय करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी इच्छा हो सकती है कि हवाई अड्डा मेरे गृहनगर के पास हो, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता। कुछ आवश्यकताएं हैं जैसे कि आस-पास कोई पहाड़ नहीं होना चाहिए, उड़ान क्षेत्र होना चाहिए… कुछ तकनीकी आवश्यकताएं हैं, जिनके आधार पर यह तय किया जाएगा।’’

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