भारत में रक्षा उद्योग बड़े पैमाने पर विस्तार के लिए तैयार : रक्षा सचिव
Focus News 18 February 2025 0
नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि भारत में रक्षा उद्योग ‘बड़े पैमाने पर विस्तार के लिए तैयार है’ और देश को इस क्षेत्र में उन्नत विनिर्माण का केंद्र बनाने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी ‘महत्वपूर्ण’ होगी।
सिंह ने सोमवार देर शाम यहां एक रक्षा सम्मेलन में यह भी कहा कि सरकार का इरादा ‘तकनीकी रूप से उन्नत’ और ‘युद्ध के लिए तैयार बल’ बनाने का है जो ‘आधुनिक युद्ध की जटिलताओं’ से प्रभावी ढंग से निपट सके।
अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि यह सम्मेलन रक्षा उद्योग जगत के विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है, जिसमें उन्हें वित्तपोषित करने वाले भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर चर्चा के लिए एक एकीकृत मंच बनाना, रक्षा तंत्र को सशक्त बनाना अभी एक ‘जटिल मुद्दा’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक सतत प्रयास है जिस पर हमें ध्यान केंद्रित रखना होगा। यह ‘आत्मनिर्भरता’ या रणनीतिक आत्मनिर्भरता के हमारे प्रयास में रक्षा परिवेशी तंत्र को आधुनिक बनाने और सुधारने की हमारी प्राथमिकताओं के अनुरूप भी है।’’
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया है, जिसका उद्देश्य समय पर परिणाम देने के लिए प्रणालियों और प्रक्रियाओं को अधिक कुशल, सुव्यवस्थित बनाना है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य एक तकनीकी रूप से उन्नत और युद्ध के लिए तैयार बल का निर्माण करना है जो आधुनिक युद्ध की जटिलताओं का प्रभावी ढंग से हल निकाल सके।’’
अपने संबोधन में, सिंह ने एक मजबूत रक्षा परिवेशी तंत्र बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीतियों और औद्योगिक लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं में ढील अन्य तत्व हैं जो भारतीय घरेलू रक्षा उद्योग में वृद्धि को बढ़ावा देंगे।
रक्षा सचिव ने कहा, ‘‘हमारा निर्यात बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो गया है। यह पिछले दस वर्षों में लगभग 30 गुना बढ़ा है। यह बहुत स्पष्ट है कि भारत में रक्षा उद्योग बड़े पैमाने पर विस्तार के लिए तैयार है।’’
उन्होंने कहा कि भारत के वर्तमान औद्योगिक परिवेशी तंत्र में विभिन्न रक्षा सार्वजनिक उपक्रम, लाइसेंस प्राप्त कंपनियां और एमएसएमई शामिल हैं जो इस विस्तारित औद्योगिक आधार के स्तंभ हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान उद्योग की बाधाओं को कम करने पर होना चाहिए ताकि हमारा रक्षा औद्योगिक परिवेशी तंत्र अनुकूल, चुस्त और युद्ध की बदलती प्रकृति पर त्वरित प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो सके, जैसा कि हमने हाल के भू-राजनीतिक संघर्षों में देखा है।’’
रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव संजीव कुमार, लॉकहीड मार्टिन इंटरनेशनल के अध्यक्ष माइकल विलियमसन ने भी सम्मेलन के दौरान एक अलग सत्र में लोगों को संबोधित किया।
विलियमसन ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘हम एक जटिल और ख़तरनाक होते जा रहे भू-राजनीतिक माहौल का सामना कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिका स्थित लॉकहीड मार्टिन सात दशकों से अधिक समय से भारत के साथ जुड़ा हुआ है और तीन दशकों से अधिक समय से देश के लिए एक विश्वसनीय भागीदार है।