शक्तिदायक है खजूर

0
evc00e7o_benefits-of-dates-_625x300_06_May_24

एक दोहा खजूर के पेड़ के बारे में प्रचलित है और उन लोगों पर कहा जाता है जो निठल्ले होते हैं, निष्क्रिय होते हैं जबकि सक्षम हैं सब कुछ करने में। कहा है-‘बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, राही को छाया नहीं फल लागे अति दूर।‘
सचमुच खजूर का पेड़ लंबा होता है तथा पत्ते इतनी ऊंचाई पर होते हैं कि पथिक को इस पेड़ के नीचे छाया नसीब नहीं होती है। हालांकि फल भी बहुत ऊंचाई पर ही होता है लेकिन अति गुणकारी व शक्तिदायक होता है तथा सर्दी के मौसम में विशेष लाभकारी होता है।
यद्यपि खजूर भारत में सर्वत्रा प्राप्त है और इसकी सर्वाधिक खेती पंजाब में होती है लेकिन ईरान, अरब एवं इराक का खजूर अति गुणवान माना जाता है छुआरा भी खजूर का ही रूप है जो सूखे मेवे में माना जाता है। मिठाई की जगह खजूर खाने की आदत डालनी चाहिए तो अति सुंदर होगा।
यह मीठा तो होता ही है, साथ ही लोहा, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटेशियम भरपूर मात्रा में होने के कारण बलवर्धक मेवा माना जाता है। खजूर त्रिदोष वात-पित्त-कफ नाशक है एवं गर्मी के दिनां में खजूर खाकर ठंडा पानी पीने से लू एवं गर्मी का प्रकोप कम हो जाता है।
 खजूर ज्वर और दाह प्यास को शांत करता है।
 बहुमूत्राता में गुणकारी है।
 बच्चों को पेचिश तथा दांत निकलने की परेशानी में खजूर या उसका बीज घिसकर, शहद मिलाकर दिन में तीन-चार बार देने से लाभ होता है तथा मसूड़े भी मजबूत होते हैं।
 पांच खजूर दस नीम की कोंपलें सुबह शाम लेने से मधुमेह में लाभ होता है।
 खजूर हृदय दुर्बलता में लाभकारी है।
 खजूर  की गुठली को घिसकर लगाने से आंखों की लाली, सूजन-दर्द एवं गुहरी ठीक हो जाती है।
 क्षय रोगी को खजूर का नीर पिलाने से लाभ मिलता है।
 आंतों की निष्क्रियता से उत्पन्न दस्त एवं कब्ज दोनों में लाभप्रद है क्योंकि इसमें एक प्रकार का एसिड होता है।
 खजूर की जड़ को पानी में उबालकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द ठीक होता है।
 शुक्र-दौर्बल्य में अत्युत्तम है।
कुछ भी हो, खजूर है स्वादिष्ट, गुणकारी, शक्तिदायक और ऐसा फल मेवा जिसमें किसी प्रकार की मिलावट भी नहीं हो सकती। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *