न्यायालय ने सीईसी और ईसी की नियुक्तियों के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित की

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नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को 2023 के कानून के तहत मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों (ईसी) की नियुक्तियों के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने संकेत दिया कि समय की कमी के कारण मामले को होली के त्योहार की छुट्टी के बाद सूचीबद्ध किया जाएगा। हालांकि, मामले की सुनवाई के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई।

याचिकाकर्ता एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि मामले में एक छोटा कानूनी सवाल शामिल है – क्या प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के प्रधान न्यायाधीश की समिति के माध्यम से सीईसी और ईसी की नियुक्ति के लिए 2023 के संविधान पीठ के फैसले का पालन किया जाना चाहिए या 2023 के कानून का पालन किया जाना चाहिए, जिसमें प्रधान न्यायाधीश को समिति से बाहर रखा गया है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने दोपहर करीब 3 बजे भूषण से कहा कि वह विशेष पीठ में बैठेंगे और होली की छुट्टी से पहले अदालत के पास कई मामले सूचीबद्ध हैं।

भूषण ने मामले को आने वाले सप्ताह में किसी भी दिन सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया और आश्वासन दिया कि याचिकाकर्ताओं को प्रस्तुतियां देने में एक घंटे से अधिक समय नहीं लगेगा।

याचिकाकर्ता जया ठाकुर की ओर से पेश हुए अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने भी मामले की तत्काल सुनवाई का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ‘‘लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है’’। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि न्यायालय के लिए सभी मामले समान रूप से महत्वपूर्ण हैं और कोई भी मामला दूसरों से बड़ा नहीं है।

इससे पहले, केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मुद्दे पर न्यायालय में बोलने में असमर्थता व्यक्त करते हुए कहा कि वह मध्यस्थता के मुद्दे पर प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के समक्ष उपस्थित हो रहे हैं।

गत 18 फरवरी को, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 2023 के कानून के तहत सीईसी और ईसी की नियुक्तियों के खिलाफ याचिकाओं पर ‘प्राथमिकता के आधार पर’ विचार करेगी।

भूषण ने कहा कि सरकार 2023 के कानून के तहत नए सीईसी और ईसी की नियुक्ति करके ‘लोकतंत्र का मजाक’ उड़ा रही है।

सरकार ने 17 फरवरी को निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को अगला मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया।

कुमार नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं और उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक चलेगा, जिसके कुछ दिन पहले आयोग द्वारा अगले लोकसभा चुनाव की तिथि घोषित किए जाने की उम्मीद है।

हरियाणा कैडर के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी विवेक जोशी को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया।

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