जयपुर, 22 फरवरी (भाषा) कांग्रेस विधायकों ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर एक मंत्री की टिप्पणी के खिलाफ सदन में विरोध प्रदर्शन के बाद पार्टी के छह विधायकों को निलंबित किए जाने के खिलाफ सदन में अपना धरना जारी रखा और शुक्रवार रात वहीं बिताई।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि तीन मंत्रियों ने शुक्रवार रात कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों से बातचीत की लेकिन बातचीत बेनतीजा रही और धरना जारी रहा।
जूली ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि मंत्री को अपनी टिप्पणी वापस लेनी चाहिए। ऐसे उदाहरण हैं जब सदन की कार्यवाही से शब्दों को हटाया गया है, लेकिन सरकार खुद सदन चलाना नहीं चाहती और इसलिए इसे मुद्दा बनाया गया है।’’
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को छह विधायकों को सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद से पार्टी विधायक सदन में धरना दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के संदर्भ में एक ‘‘अनुचित’’ शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए मंत्री ने कहा था, ‘‘2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था।’’
इसके बाद हुए हंगामे और कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी के बीच सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। सदन में ‘‘अशोभनीय एवं निंदनीय आचरण’’ करने के लिए कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित छह पार्टी विधायकों को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव शाम को पारित किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग द्वारा रखे गए इस आशय के प्रस्ताव के पारित होने की घोषणा की। इसके बाद सदन की कार्यवाही 24 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई और कांग्रेस विधायक सदन में धरने पर बैठ गए।
कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार, ‘‘भाजपा सरकार के मंत्री द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अपमान एवं कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा समेत छह विधायकों के निलंबन के खिलाफ 22 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।’’