सीईसी की नियुक्ति संविधान की भावना के खिलाफ: कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार ने सोमवार देर रात मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति कर उच्चतम न्यायालय के आदेश और संविधान की भावना के खिलाफ काम किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम को आयोजित चयन समिति की बैठक के बाद ज्ञानेश कुमार को नया सीईसी नियुक्त किया गया है।

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ सरकार ने आधी रात को जल्दबाजी में नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। यह हमारे संविधान की भावना के खिलाफ है और उच्चतम न्यायालय ने कई मामलों में दोहराया है कि चुनावी प्रक्रिया की शुचिता के लिए, सीईसी को एक निष्पक्ष हितधारक होना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि संशोधित कानून ने प्रधान न्यायाधीश को सीईसी चयन समिति से हटा दिया, सरकार को सीईसी का चयन करने से पहले 19 फरवरी को उच्चतम न्यायालय की सुनवाई तक इंतजार करना चाहिए था।

वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि जल्दबाजी में बैठक आयोजित करने और नए सीईसी की नियुक्ति करने के उनके फैसले से पता चलता है कि सरकार उच्चतम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को दरकिनार करने और स्पष्ट आदेश आने से पहले नियुक्ति करने की इच्छुक है।

उनका कहना था, “इस तरह का घृणित व्यवहार केवल उन संदेहों की पुष्टि करता है जो कई लोगों ने व्यक्त किए हैं कि कैसे सत्तारूढ़ शासन चुनावी प्रक्रिया को नष्ट कर रहा है और अपने लाभ के लिए नियमों को मोड़ रहा है। “

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि चाहे वह फर्जी मतदाता सूचियां हों, भाजपा के पक्ष में कार्यक्रम हों या ‘ईवीएम हैकिंग’ के बारे में चिंताएं हों , ऐसी घटनाओं के कारण सरकार और उसके द्वारा नियुक्त सीईसी गहरे संदेह के घेरे में आते हैं।’’

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