पणजी, 19 फरवरी (भाषा) गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने ही गोवा की अधिकांश आबादी को पुर्तगाली शासन के दौरान जबरन ईसाई धर्म में परिवर्तित होने से बचाया था।
पोंडा तहसील के फार्मागुड़ी में 17वीं सदी के महान मराठा शासक की जयंती के अवसर पर आयोजित सरकारी समारोह में सावंत ने कहा कि शिवाजी महाराज और उनके पुत्र संभाजी महाराज का शासन आधुनिक सरकारों के लिए प्रेरणास्रोत है।
भाजपा नेता सावंत ने कहा कि गोवा का वास्तविक इतिहास छात्रों को नहीं पढ़ाया जाता।
सावंत ने कहा, “हमें बताया जाता है कि पुर्तगालियों ने गोवा पर 450 वर्षों तक शासन किया, जो सही नहीं है। उन्होंने केवल तीन तालुकों – सालसेते, बारदेज़ और तिसवाड़ी – पर 450 वर्षों तक शासन किया जबकि गोवा का शेष भाग उनके अधीन नहीं था। पूरे गोवा पर उनका शासन केवल 90-100 वर्षों तक रहा।”
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि गोवा का बाकी हिस्सा शिवाजी महाराज के राज्य का हिस्सा था और इसलिए इन क्षेत्रों के मंदिर सुरक्षित रहे और लोग ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर नहीं हुए।
उन्होंने कहा, “केवल छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन के कारण ही गोवा के अधिकांश लोगों को जबरन धर्म परिवर्तन नहीं करना पड़ा।”
सावंत ने कहा कि जब पुर्तगालियों ने उनके कब्जे वाले बारदेज़ तालुका में रहने वालों को ईसाई धर्म अपनाने का आदेश दिया तो शिवाजी महाराज ने सैन्य अभियान चलाकर लोगों को धर्मांतरण से बचाया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “पुर्तगालियों ने शिवाजी महाराज के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए जिसमें उन्होंने वादा किया कि वे किसी को भी जबरन धर्मांतरण के लिए बाध्य नहीं करेंगे। इस तरह धर्मांतरण को रोका गया।”
सावंत ने कहा कि गोवा का 70 प्रतिशत हिस्सा “शिवशाही” (शिवाजी महाराज का शासन) के अंतर्गत था।
उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार मराठा शासक के शासन से प्रेरणा लेती है और इसी कारण भाजपा सरकार का ध्यान समाज के वंचित वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित है।